मानेसर के सेंचुरी इंजग. प्राइवेट लिमिटे में मज़दूर का कटा हाथ, प्रबंधन ने नहीं की कोई मदद, मज़दूरों ने पहुंचाया अस्पताल

मानेसर के सेंचुरी इंजग. प्राइवेट लिमिटे में मज़दूर का कटा हाथ, प्रबंधन ने नहीं की कोई मदद, मज़दूरों ने पहुंचाया अस्पताल

हरियाणा के आईएमटी मानेसर में स्थित सेंचुरी इंजग. प्राइवेट लिमिटेड में काम करने वाले एक मज़दूर का फैक्ट्री दुर्घटना में दाहिना हाथ कट गया है। मज़दूर की उम्र 20-25 साल बताई जा रही है।

हाथ कटने के बाद मज़दूर को फैक्ट्री की तरफ से कोई सुविधा नहीं उपलब्ध कराई गई। उसी फैक्ट्री में काम करने वाले कुछ मज़दूरों ने पीड़ित के हाथ पर कपड़ा बांध कर उन्हें बाईक पर बैठा कर फौरन ईएसआईसी अस्पताल ले गए।

दुर्घटना गुरूवार शाम 5 बजे के आस-पास की बताई जा रही है। मज़दूर के साथ ये हादसा कैसे हुआ इस बात की अभी कोई पुष्टी नहीं हुई है।

हाथ कटने के बाद मज़दूर पहले तो मदद के लिए कुछ घंटे फैक्ट्री में यहां वहां घुमते रहे। जब फैक्ट्री प्रबंधन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली तो अन्य मज़दूरों ने ही पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया।

इससे पहले उत्तराखंड के रुद्रपुर सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक कंपनी में एक महिला मज़दूर की अंगुली कट गई थी, लेकिन कंपनी प्रबंधन ने ठीक से इलाज़ तक नहीं कराया और ना ही मुआवज़ा दिया।

हर दिन तीन मज़दूर फैक्ट्री दुर्घटना का होते हैं शिकार

श्रम और रोजगार मंत्रालाय के आँकड़ो के अनुसार, पूरे भारत में 2014-2016 के बीच 3,562 मज़दूरों की मौत फैक्ट्री दुर्घटनाओं में हुई हैं और 51 हजार से अधिक मज़दूर घायल हुए हैं।

यानी भारत में हर दिन तीन मज़दूरों की मौत फैक्ट्री दुर्घटनाओं में होती है और 47 लोग घायल होते हैं।

ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल के 2017 के आँकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल 48,000 हजार मज़दूरों की मौत फैक्ट्री दुर्घटनाओं में होती है।

हमारे देश में न जाने कितनी ऐसी फैक्ट्रियां हैं, जहां पर मज़दूरों के साथ इंसानों जैसा सलूक नहीं किया जाता है।

इसके बावजूद जितनी सरकारें आती हैं मालिकों के पक्ष में श्रम क़ानूनों को एक एक कर ख़त्म करने का काम करती हैं।

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Workers Unity Team