वर्कर्स यूनिटी और आईएमके के सहयोग से गुड़गांव के सूरतनगर में मज़दूर रसोई शुरू, रोज़ाना 500 लोगों के खिलाने का इंतज़ाम
आप जिस तस्वीर को देख रहे हैं, ये उससे अलग है जो पिछले दिनों हमने लगभग हर राज्य में सरकारी व्यवस्था के तहत भोजन वितरण में देखी है। इस तस्वीर में अफरातफरी नहीं है, संक्रमण से बचने को शारीरिक दूरी का मानक बिना पुलिसिया खौफ के दिखाई दे रहा है और भोजन मिलने की पूरी उम्मीद चेहरों पर महसूस की जा सकती है।
ये तस्वीर है गुडग़ांव के सूरतनगर फेस-2 की। यहां 26 अप्रैल को सुधार समिति, इंकलाबी मजदूर केंद्र और वर्कर्स यूनिटी के सहयोग से सामूहिक मजदूर रसोई की शुरुआत हुई।
इंकलाबी मजदूर केंद्र के कार्यकर्ता रोहित ने बताया कि साझी कोशिशों से शुरू हुई इस रसोई में रोजाना 500 लोगों को भोजन कराने की व्यवस्था पहले दिन से करने को निर्णय लिया गया।
उन्होंने दावा किया कि पहले दिन की सफलता, अनुशासन, सहयोग और एकजुटता को देख संचालकों ने रोजाना 800 तक लोगों को भोजन कराने की व्यवस्था बनाने का फैसला लिया है।
सूरतनगर में अधिकांश लोग फैक्ट्रियों के ठेका मजदूर, निर्माण श्रमिक या रेहड़ी लगाने वाले रहते हैं। लॉकडाउन के हालात से जूझकर उन्होंने जैसे-तैसे शुरुआती खर्च और कमरे का किराया चुकाया।
अब हालात बहुत ज्यादा खराब हो चुके हैं। कई जगह मकान मालिकों ने किराए के लिए दबाव बनाया तो स्थानीय संवेदनशील लोगों को लेकर हल निकालने की कोशिश की जा रही है।
स्थानीय वरिष्ठ नागरिक निरंजन लाल व धर्मपाल के साथ ही कई अन्य लोग चंदा जमा करने, राशन जुटाने, खाना पकाने और वितरण में लगातार सहयोग करके एकजुटता की मिसाल पेश कर रहे हैं।
सूरत नगर के स्थानीय निवासियों के सहयोग से संचालित की जा रही सामूहिक रसोई में भोजन बनाने व वितरण के दौरान साफ सफाई, शारीरिक दूरी और अनुशासन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
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