विज्ञान की बुनियाद पर समझें, कोरोना महामारी से मजदूरों को कितना डरना चाहिए- भाग 6

विज्ञान की बुनियाद पर समझें, कोरोना महामारी से मजदूरों को कितना डरना चाहिए- भाग 6

By आशीष सक्सेना

विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड और विश्व स्वास्थ्य सभा की अध्यक्ष रह चुकीं हैल्टन ने कहा कि ये सारी कसरत अरबपति बिल गेट्स के सौजन्य से है।

नोवावैक्स नामक एक अमेरिकी फर्म ने दावा किया कि इस हफ्ते की शुरुआत में मई में इसके प्रोटोटाइप वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू करने की योजना है, जिसके परिणाम जुलाई तक आने की उम्मीद है।

चीन और इजऱाइल में भी वैक्सीन पर अध्ययन हुए हैं। लेकिन वे मानती हैं कि ‘कुछ भी निश्चित नहींÓ है। वहीं, बिल गेट्स ने खुद खुलासा किया है कि कोरोना वायरस के टीके के लिए अरबों खर्च करने को तैयार हैं।

उनकी दलील है कि यही दुनिया को पटरी पर लाने का एकमात्र तरीका है। वे रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थानके साथ बातचीत कर रहे हैं कि कैसे महत्वपूर्ण शोध को ‘तेजÓ किया जाए।

उन्होंने पहले से ही सात वैक्सीन निर्माता कंपनियों में धन लगा दिया है, ताकि उन्हें कारखानों का निर्माण करने की अनुमति मिल सके। अमेरिका और यूके में तीन ऐसी कंपनियों में भी पैसा लगा दिया है जिनका उद्देश्य कोरोनस वायरस के संक्रमण के उपचार में ज्ञात दवाओं की प्रभावशीलता का अध्ययन करना है।

इसी तरह यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के शोधकर्ताओं द्वारा जल्द ही नीदरलैंड में जैव सुरक्षा में जीवित वायरस पर टीका का परीक्षण किया जाएगा। ऐसे तमाम प्रयास कई देशों में जारी हैं।

क्रमश: जारी…..

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ashish saxena