केंद्रीय सरकारी कर्मियों का बढ़ा 4% महंगाई भत्ता, फ्री राशन स्कीम को दिसम्बर तक बढ़ाया

केंद्रीय सरकारी कर्मियों का बढ़ा 4% महंगाई भत्ता, फ्री राशन स्कीम को दिसम्बर तक बढ़ाया

रुपये की गिरती कीमत रिकार्ड स्तर पर पहुंचने, महंगाई बेरोजगारी के आसमान छूने और गहराती मंदी से बुरी तरह घिरी मोदी सरकार ने आखिरकार सरकारी कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) और देश के 80 करोड़ गरीबों को तीन महीने और मुफ़्त राशन बांटने का ऐलान किया है।

इसके साथ ही मोदी सरकार ने तीन बड़े रेलवे स्टेशनों के विकास को सरकारी खर्चे पर किए जाने को भी हरी झंडी दे दी है।

इन स्टेशनों को पीपीपी के नाम पर प्राईवेट पूंजीपतियों के हवाले किया जाना था। लेकिन अब सरकार ने सरकारी खजाने से इसे करने का फैसला किया है।

हालांकि लोगों को अंदेशा है कि सरकारी खर्च पर विकसित कर इन स्टेशनों को प्राईवेट कंपनियों के हवाले किया जा सकता है।

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिए जाने वाले इस 4 प्रतिशत डीए से सरकारी खजाने पर 12,852.56  करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय प्रभाव पड़ने का अनुमान है।

पेंशनभोगियों को महंगाई राहत में इस वृद्धि के कारण प्रति वर्ष 6,261.20 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

फ्री राशन पर सरकारी अनुमान है कि 44,000 करोड़ रुपये और खर्च होंगे। हालांकि ट्रेड यूनियनें, मजदूर संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता फ्री राशन स्कीम को बढ़ाकर 2024 तक करने की मांग करते रहे हैं।

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देश में खाने पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। महंगाई दर अपने उच्चतम स्तर पर है। कोरोना लाकडाउन के बाद बड़े पैमाने पर नौकरियां गई हैं। ऐसे में मेहनतकश वर्ग काफी मुश्किलों का सामना कर रहा है।

लेकिन दूसरी तरफ सरकार औसत सैलरी में लगातार कटौती करती जा रही है। नए लेबर कोड से पहले से ही भुखमरी मजदूरी पर ज़िंदा करोड़ों मजदूरों को गुलामों जैसी स्थिति में लाने की तैयारी जोर शोर से जारी है।

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर  दास मोदी राज्यों पर दबाव डालकर इसे जल्द से जल्द लागू करने को कह रहे हैं। ऐसे में ग़रीब जनता के पास पैसे कम होने से उपभोग पर असर पड़ेगा और इससे मंदी और बढ़ने के आसार है।

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Workers Unity Team

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