क्यूं दिल्ली के आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन ने महिला एवं बाल विकास विभाग मुख्यालय का किया घेराव?
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देश की राजधानी में गुरुवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन (AWHU) के बैनर तले बड़ी संख्या में इकट्ठा हो कर महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्यालय का घेराव किया।
प्रदर्शन कर रही कार्यकर्ताओं ने महिला एवं बाल विकास विभाग को अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा है।
यूनियन के सदस्यों की मुख्य मांग है कि बर्खास्त कि गई आंगनवाड़ी वर्कर्स को तुरंत कार्य बहाल किया जाए।
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इससे पहले भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने महिला एवं बाल विकास विभाग कई बार ज्ञापन सौंपा है।
दिल्ली में 31 जनवरी से चली आंगनवाड़ीकर्मियों की हड़ताल को तमाम तिकड़म से तोड़ पाने में असफ़ल होने के बाद भाजपा और आप ने मिलीभगत से इस हड़ताल को Essential Services Maintenance Act (ESMA) थोप कर ख़त्म किया था।
यही नहीं, इसके बाद 884 महिलाकर्मियों को महिला एवं बाल विकास विभाग ने महज़ अपने हकों के लिए हड़ताल में शामिल होने की वजह से बर्खास्त कर दिया था।
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दिल्ली उच्च न्यायालय चल रहा है केस
बर्खास्त महिलाकर्मियों का केस फ़िलहाल दिल्ली उच्च न्यायालय में है।
यूनियन का कहना है कि बर्ख़ास्त आँगनवाड़ीकर्मियों के जनवरी माह के मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग इन बर्खास्त महिलाकर्मियों पर उनके फ़ोन, रजिस्टर, इत्यादि जमा करने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है।
साथ ही 19 जुलाई को कई बर्खास्त कर्मियों को वेतन भुगतान का मैसेज प्राप्त हुआ था जिसके बावजूद अभी तक बैंक खातों में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है।
संगठन के सदस्यों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी लंबित मांगों के मुद्दे पर महिला एवं बाल विकास विभाग की नयी संयुक्त निदेशक नलिनी महाराज से मुलाक़ात की गयी। जल्द ही भुगतान के मसले पर निदेशक से बातचीत की जायेगी।
यूनियन के मांग है कि:
- सभी टर्मिनेटेड वर्करों व हेल्परों को तुरन्त बहाल किया जाए।
- सभी आँगनवाड़ीकर्मियों के जून तक के मानदेय का भुगतान तुरन्त किया जाए।
- जब तक मामला न्यायाधीन है तब तक टर्मिनेटेड वर्करों को सामान (फ़ोन, रजिस्टर, इत्यादि) वापस करने के लिए प्रताड़ित करना बन्द किया जाए।
- सभी टर्मिनेटेड महिलाकर्मियों के बकाये का तुरन्त भुगतान किया जाए।
गौरतलब है कि बीते सप्ताह बुधवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के निलंबन को वापस लेन के लिए यूनियन के सदस्यों कोर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के उपराज्यपाल के आवास पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था।
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