केजरीवाल के देशभक्ति बजट की खुली पोल, डीयू के टीचर्स गए हड़ताल पर
केजरीवाल सरकार के लोक लुभावन बजट की कलई 24 घंटे में ही खुल गई जब दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने छह महीने से वेतन बकाए को लेकर हड़ताल की घोषणा कर दी।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने गुरुवार से हड़ताल का आह्वान करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषित डीयू के 12 कॉलेजों के कई कर्मचारियों को पिछले 6 महीन से अधिक समय से वेतन और अन्य बकाया नहीं मिला है।
बीते मंगलवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 69,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया और इसे देशभक्ति बजट’ करार दिया था।
वित्त मंत्री ने शिक्षा मद में 16,377 करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया जिसके तहत दिल्ली सरकार देश की पहली टीचर्स यूनिवर्सिटी खोलेगी।
लेकिन पहले से ही दिल्ली सरकार के पूर्ण नियंत्रण और वित्त पोषण में चल रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज के शिक्षक पूछ रहे हैं कि छह महीने से अटकी उनकी सैलरी और बकाए केजरीवाल सरकार कब देगी?
शिक्षकों कहना है कि ‘केजरीवाल सरकार उनकी वाजिब मांगों को लगातार अनसुना कर रही है, इसके बावजूद शिक्षकों ने छात्रों के भविष्य को देखते हुए कोई कड़ा कदम नहीं उठाया लेकिन अब हड़ताल के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा।’
डूटा के अध्यक्ष राजीब रे का कहना है कि “हम सरकार से सिर्फ इतना चाहते हैं कि वो फंड जारी कर हमारे वेतन का भुगतान करे। बाकी अन्य मुद्दों पर हम बैठ कर बात करने को तैयार हैं।”
शिक्षक संघ ने बताया कि गुरुवार से शुरु ये हड़ताल आने वाले दिनों में और तेज होगी और 15 मार्च को सभी शिक्षक सड़कों पर उतरेंगे।
राजीब ने आगे बताया कि डूटा 13 मार्च को कॉलेज कर्मचारी यूनियन (DUCKU) और डीयू छात्र संघ (DUSU) के साथ भी बैठक करने वाली है।
डूटा ने बयान जारी कर कहा है कि ‘डूटा 15 मार्च को वीसी ऑफिस से सीएम आवास तक ‘अधिकार रैली’ करेगी और 18 मार्च को वीसी ऑफिस से एलजी ऑफिस तक एक और रैली की जायेगी।’
डूटा ने सरकार द्वारा कॉलेज ऑफ आर्टस का अंबे[कर यूनिवर्सिटी के साथ बिना हितधारकों से सलाह लिये और वेतन निपटारा किये विलय का भी विरोध किया है। शिक्षकों को डर है कि सरकार के इस कदम से उनके बकाये वेतन का मामला और पेचीदा बना दिया जाएगा।
मालूम हो कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार एक तरफ देशभक्ति बजट के नाम पर दिल्ली के 500 स्थानों पर तिरंगा फहराने के लिए 45 करोड़ रुपये आवंटित करने का ऐलान किया है जबकि शिक्षक और एमसीडी कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है।
( नेशनल हेराल्ड की खबर से इनपुट के साथ)
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