हरियाणा में खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरु, हुड्डा ने की सिक्रेट वोटिंग की मांग
हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार आज विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है। सुबह 11 बजे से शुरु हुए अविश्वास प्रस्ताव पर फिलहाल चर्चा चल रही है जो अगले दो घंटे तक जारी रहेगी।
चर्चा शुरु करते हुए कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा ने कहां कि खट्टर सरकार जनता में अपना विश्वास खो चुकी है। किसानों को आंतकवादी-खलिस्तानी कहने वाली ऐसी सरकार के बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।
हुड्डा ने सदन में मांग की है कि अविश्वास प्रस्ताव पर सीक्रेट वोटिंग होनी चाहिए।
उधर अविश्वास प्रस्ताव आने से पहले मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि उनके पास पूरा बहुमत है और सरकार गिराने की कोई कोशिश सफल नहीं होगी।
दुष्यंत चौटाला का कहना है कि सरकार जिस बहुमत के साथ बनी थी,उसी आधार पर अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
इससे पहले जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली का एक बयान सामले आया है जिसमें वो कह रहे हैं कि “जेजेपी को सरकार से हट जाना चाहिए क्योंकि अब किसान और गांववाले उनके खिलाफ खुलकर सामने आ गये हैं। जनता के बीच सरकार को लेकर भयानक गुस्सा है। इसलिए जेजेपी को सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए।”
विधायक के इस बयान की वजह से अविश्वास प्रस्ताव पर जेजेपी के रुख पर सबकी नज़र बनी हुई है।
हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं, और बहुमत के लिए 45 का आंकड़ा चाहिए। भाजपा और उसकी सहयोगी जेजेपी के क्रमश: 40 और 10 विधायक हैं। मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि इसके अलावा उनके पास 5 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है।
लेकिन किसान आंदोलन के बाद उपजे माहौल के बीच खट्टर सरकार के खिलाफ जो आक्रोश बना है उसको लेकर जेजेपी विधायक असमंजस की स्थिती में हैं क्योंकि उन्हें किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
सभी पार्टियों ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है। व्हिप में सभी दलों ने विधायकों को कार्यवाही चलने तक सदन में रहने को कहा है।
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