फ़रवरी से नहीं मिला मज़दूरों को वेतन, अब लॉक डाउन में भुखमरी की नौबत
राजधानी दिल्ली से सटे गुडगांव के मानेसर में स्थित इकोलाइट टेक्नोलॉजी में मजदूरों को बीते फ़रवरी से वेतन नहीं मिला है।
लॉकडाउन ने उनकी जिंदगी की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इन मज़दूरों के पास खाने-पीने का कोई सामान नहीं है न ही जेब में पैसा।
मज़दूरों ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि उनके पास खाने की कोई व्यवस्था नहीं है और प्रशासन ने अभी तक उनके पास मदद नहीं पहुंची है।
वर्कर्स यूनिटी से फोन पर बात करते हुए कंपनी के एक कर्मचारी ने नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर बताया है कि, बीते फरवरी से उन्हें वेतन नहीं मिला है और उनके पास अब खाने-पीने के लिए पैसा भी नहीं है।
इनमें अधिकांश वर्कर उत्तराखंड के निवासी हैं और कुछ उत्तर प्रदेश के हैं।
इन मजदूरों का कहना है कि तालाबंदी और वेतन न मिलने से उनका जीवन संकट में आ गया है और कंपनी या प्रशासन की ओर से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है।
इन मज़दूरों की मांग है कि फ़रवरी और मार्च महीने की सैलरी उन्हें मिलनी चाहिए और उन्हें उनके घरों तक पहुँचाने का प्रबंध किया जाये और उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया जाए।
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