टाटा टेक्नोलॉजी के इंजीनियर ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा- ‘मेरी मौत का कोई ज़िम्मेदार नहीं’
टाटा टेक्नोलॉजी के साथ काम करने वाले एक इंजीनियर ने पुणे में अपने घर पर आत्महत्या कर ली।
उनका शव पुणे के वाकड़ कैप्रिक्सीओ सोसाइटी से 18 जून को बरामद हुआ। इंजीनियर का नाम प्रशांत नरेंद्र सेठ बताया जा रहा है और उनकी उम्र 32 साल थी।
प्रशांत मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले थे। पिछले कुछ सालों से पुणे की इसी सोसाइट में रह रहे थे और टाटा टेक्नोलॉजी के साथ राजीव गांधी इंफोटेक में बतौर इंजीनियर काम कर रहे थे।
पुणेकर न्यूज के अनुसार, वाकड़ पुलिस स्टेशन के अधीक्षक डॉ. विवेक मुगलिकर ने बताया कि शव के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें लिखा है- “मेरी मौत का कोई ज़िम्मेदार नहीं है।”
- ‘मोबाइल बेचकर राशन ले आए और फांसी लगाकर कर ली आत्महत्या’
- ‘अंतिम संस्कार के भी पैसे नहीं’ लिखकर मज़दूर ट्रेन के नीचे कूद कर दी जान
लॉकडाउन के बाद आत्महत्याओं में तेज़ी
लॉकडाउन के बाद से आत्महत्या के मामलो में तेजी आई है। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या सुर्खियों में काफ़ी रही।
लेकिन तेज़ी से जाती नौकरियों के कारण मज़दूर वर्ग में भी हताशा बढ़ गई है और मज़दूरों की आत्महत्या की लगातार ख़बरें आ रही हैं।
18 जून को हरियाणा के गुड़गांव स्थित कौटिल्या फैक्ट्री के भीतर एक प्रवासी मज़दूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
वहीं गुड़गांव के सेक्टर 53 में भी एक मज़दूर मुकेश ने 18 अप्रैल को आत्महत्या कर ली थी। छह लोगों के परिवार की अकेले ज़िम्मेदारी निभाने वाले मज़दूर ने निराशा में ये क़दम उठाया।
शोधार्थियों के एक समूह द्वारा एकत्र किए गए डाटा के अनुसार भारत में 19 मार्च से 2 मई के बीच 80 लोगों ने आत्महत्या को गले लगाया है। और 36 लोगों की मौत आर्थिक तंगी, भूखमरी से हुई है।
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