कोरोना से मरने वाले प्राइवेट कर्मचारियों के परिवारों को मिलेंगे 7 लाख रुपये

कोरोना से मरने वाले प्राइवेट कर्मचारियों के परिवारों को मिलेंगे 7 लाख रुपये

कोरोना की दूसरी लहर में लोगों पर लटक रहे जान खतरे को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) ने अपने कर्मचारियों की जमा-लिंक्ड बीमा (इडीएलआई) स्कीम में लाभार्थियों के लिए मृत्यु बीमा की रकम बढ़ा दी है।

इस स्कीम के तहत अब न्यूनतम राशि 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख और अधिकतम राशि 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दी गई है।

अब नौकरी के दौरान अगर इडीएलआई स्कीम के किसी लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है तो बीमा कवर का पैसा उसके परिवार को प्राप्त होगा।

इस स्कीम के अनुसार ग्राहक को इसका फायदा पहुंचेगा जो इपीएफ़ओ का सदस्य होगा या फिर इपीए और एमपी एक्ट की धारा 17 के तहत छूट पा रहे प्रोवाइडर फंड का सदस्य होगा।

इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए यह शर्त भी जरूरी है कि लाभार्थी अपने मृत्यु से पहले लगातार 12 महीनों तक काम कर रहा हो। इसमें इससे कोई लेना देना नहीं है कि इस दौरान उसने संस्थान बदला था या नहीं।

गौरतलब है कि इडीएलआई स्कीम इपीएफ एक्ट और एमपी एक्ट (मिशलेनियस प्रोविजन एक्ट) 1952 का हिस्सा है। इपीएफ़ओ ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को बीमा कवर देने के लिए इस स्कीम को शुरू किया था।

इसके तहत ऐसे सभी कर्मचारी, जिनका मूल वेतन 15 हजार प्रति महीने से कम है वे इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं।

इसके मुताबिक, कर्मचारी की कंपनी का योगदान मूल वेतन का 0.5 फीसदी या फिर प्रति कर्मचारी पर अधिकतम 75 रुपए प्रति महीना होगा। अगर कंपनी के पास कोई समूह बीमा नहीं है तो अधिकतम योगदान 15,000 रुपए प्रति महीने तक होगा।

अगर किसी बीमा धारक की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को इस स्कीम के तहत 7 लाख रुपये मिलते हैं वहीं इपीएफ स्कीम के तहत हर महीने विधवा/ बच्चों को अनाथ पेंशन प्राप्त होती है।

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Amit Singh

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