रांची में फंसे कानपुर के L&T मज़दूरों की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुहार
झारखंड सरकार की घर-घर पानी पहुंचाने की योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने का ठेका L&T को मिला हैं।
कंपनी इस काम के लिए जिन मज़दूरों से काम ले रही है उनका कहना है कि पिछले 4 महीनों से उन्हें मज़दूरी नही मिला है।
कानपुर के रहने वाले पिंटु ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर माह से वे लोग काम कर रहे है। इस दौरान ठेकेदार ने मज़दरों से ये वादा किया गया था कि उन्हें महीने के 15 हजार रुपये मिलेंगे तथा रहने और खाने का भी इंतजाम दिया जायेगा।
हालांकि मज़दूरों के साथ ये सारे वायदे मौखिक ही किये गये थे।
बांदा जिले के 17 साल के मज़दूर टुनटुन ने बताया कि पिछले 3 महीनों से जैसे-तैसे गुजारा कर रहे है। उसने बताया कि उनलोगों से सुबह 9 बजे से रात के 10 बजे तक काम लिया जाता है और मज़दूरी मांगने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
16 तारीख की रात जब इन लोगों ने ठेकेदार से अपनी मज़दूरी की मांग कि तो उनलोगों को रॉड से बुरी तरह पिटा गया और भाग जाने की धमकी दी गई।
जिसके बाद मज़दूर लेबर कोर्ट जाना चाहते है और इस काम में उनकी मदद स्थानिय माले नेता कर रहे है।
फिलहाल मज़दरों का ठिकाना राज्य माले कार्यालय ही बना हुआ है।
स्थानिय माले नेता ने बातचीत के दौरान बताया कि कोरोना काल के बाद से हम तक ऐसे बहुत सारे मामले पहुंच रहे जिनमें मज़दरों से काम लेकर या तो उन्हें मेहनताना नहीं दिया जा रहा या ठेकेदार इनके पैसे गबन कर फरार हो जा रहे है और ये इसकी पुरी-पुरी संभावना है कि नये श्रम कानूनों के आने बाद मज़दरों का शोषण और दमन और भी भयावह रुप से बढने वाला है।
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