लुधियाना में कारखाने की इमारत गिरने से 4 मज़दूरों की मौत

लुधियाना में कारखाने की इमारत गिरने से 4 मज़दूरों की मौत

सोमवार को लुधियाना के ग्यासपुरा के भाई मुकंद सिंह नगर में ‘जसमेल सिंह एंड संस’ नाम के साइकिल के पुर्जे बनाने वाले एक कारखाने की तीन मंजिला इमारत के गिरने से कम से कम चार मज़दूरों मारे गए और अनेकों गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं।

मुक्ति संग्राम मैग्ज़ीन के मुताबिक, मारे जाने वाले मज़दूरों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। फैक्टरी की सबसे ऊपर वाली मंजिल का लैंटर ऊँचा उठाया जा रहा था जिसके दौरान यह घटना घटी। मारे गए और जख्मी मज़दूरों में छत ऊपर उठाने के काम में लगे मज़दूर शामिल हैं।

फैक्ट्री के मज़दूर सबसे निचली मंजिल में काम कर रहे थे जो इस हादसे में बाल-बाल बच गए।

फैक्ट्री के आस-पास के बेहड़ों में रहने वाले लोगों के कमरों की दिवारें टूटी हैं। पास ही सो रहीं दो छोटी बच्चियों के दो फुट की दूरी पर ईटें गिरीं लेकिन उनका बचाव हो गया। मल्बे में आटो-रिक्शा, साइकलें आदि दबने से लोगों को काफी नुकसान हुआ है। फैक्ट्री मालिक फरार बताया जा रहा है।

मौके पर मौजूद कारखाना मज़दूर यूनियन के नेता जसमीत ने बताया कि इस दर्दनाक दुरघटना का जिम्मेवार फैक्ट्री मालिक तो है ही। वो अपनी फैक्ट्री के विस्तार के लिए 40 साल पुरानी जर्जर इमारत का लैंटर ऊपर उठवा रहा था।

लैंटर ऊपर उठाने का ठेका लेने वाले पैसे के लालच में इमारतों की जरूरी जाँच-पड़ताल, पूरा साजो-सामान रखने की घोर अनदेखी करते हैं।

श्रम विभाग और प्रशासन कारखानों की इमारतों के निर्माण तक में सुरक्षा नियमों की घोर उलंघना करने वाले पूँजीपतियों को नकेल कसने को तैयार नहीं है और भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूबा हुआ है। पूँजीपतियों और सरकारी तंत्र का नापाक गठजोड़ कारखानों के मज़दूरों और आम जनता के जीवन से भयानक हद तक खिलवाड़ कर रहा है।

पूँजीवादी व्यवस्था ने किस तरह के भयानक हालात पैदा किए हैं यह देश-दुनिया में रोजाना होने वाले औद्योगिक हादसों से देखा जा सकता है।

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Workers Unity Team

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