कोरोना मरीज़ों के लिए फ़्री डॉक्टरी हेल्पलाइन, फ़ोन से ही ले सकते हैं काबिल डॉक्टरों से परामर्श

कोरोना मरीज़ों के लिए फ़्री डॉक्टरी हेल्पलाइन, फ़ोन से ही ले सकते हैं काबिल डॉक्टरों से परामर्श

कोरोना महामारी ध्वस्त हो चुकी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के बीच लोगों की मदद के लिए नागरिक समूह और मज़दूर यूनियन सीधे डॉक्टरी सहायता उपलब्ध कराने की पहल कदमी कर रहे हैं।

उत्तराखंड में सक्रिय साइंस फॉर सोसायटी व हरियाणा की तर्कशील सोसायटी कोविड-19 के उन मरीज़ों के लिए निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श हेल्पलाइन चला रही है।

साइंस फॉर सोसायटी के संयोजक मदन मेहता के अनुसार, ग़रीब, मेहनतकश, मज़दूर वर्ग के लोगों के लिए इस महामारी में सही इलाज के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है इसलिए अनुभवी और काबिल एलोपैथिक डॉक्टरों का एक पैनल बनाया गया है।

मेहता कहते हैं कि हेल्पलाइन नंबर- 6398067708 पर कोई भी व्यक्ति सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक अपनी चिकित्सकीय परामर्श ले सकता है।

हेल्प लाइन पर एक दर्जन से भी अधिक क्वालीफाईड अनुभवी एलोपैथिक डॉक्टर नि:शुल्क परामर्श दे रहे हैं।

इसी तरह प्रोग्रेसिव मेडिकोज़ फ़ोरम और इंकलाबी मज़दूर केंद्र की ओर से प्रोग्रेसिव कोविड हेल्पलाइन की शुरुआत की गई है। यहां सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक 7900525644 और 9953430503 फ़ोन नंबरों पर संपर्क कर योग्य डॉक्टर से निःशुल्क परामर्श लिया जा सकता है।

कैसे करें संपर्क

साइंस फॉर सोसाइटी के हेम चन्द्र आर्या ने बताया कि कोविड-19 हेल्पलाइन पर प्रतिदिन देश के कोने-कोने से मरीज संपर्क कर रहे हैं। हेल्पलाइन पर परामर्श करने के लिए मरीज का नाम, उम्र, स्थान, बीमारी के लक्षण तथा टेस्ट रिपोर्ट आदि की जानकारी, व्हाट्सएप्प अथवा एसएमएस के माध्यम से, हेल्पलाइन नंबर पर भेजनी होती है। उसके बाद मरीज को उस समय उपलब्ध डॉक्टर से बात कराई जाती है।

उन्होंने बताया, कि अभी तक सैकड़ों मरीज हेल्पलाइन पर संपर्क कर अपना इलाज़ करा चुके हैं।

मदन मेहता ने सरकार से अस्पतालों में ऑक्सीजन, बैड, वेंटीलेटर तथा डॉक्टरों की सँख्या बढ़ाने तथा दूर-दराज के इलाकों में भी मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने की मांग की है।

उत्तराखंड के रामनगर शहर से संचालित हेल्प लाइन में दिगम्बर प्रसाद, दीपक सुयाल, मदन मेहता, हेम चंद्र आदि काम कर रहे हैं।

कोरोना की दूसरी लहर में दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड बुरी तरह से प्रभावित हैं और ग्रामीण इलाक़ों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिल्कुल नदारद हैं। यूपी में गांव गांव और घर घर लोग बीमार हैं लेकिन न तो वहां कोरोना टेस्ट की कोई व्यवस्था है न तो अनुभवी डॉक्टर इलाज के लिए उपलब्ध हैं।

यही हाल उत्तराखंड के पहाड़ी इलाक़ों का है, जहां प्राथमिक चिकित्सालय तक में मरीज़ को भर्ती करने के लिए कोई बेड नहीं है। ऐसे में इस तरह की पहलकदमी सिस्टम के हाशिये पर धकेली जा चुकी जनता के लिए किसी राहत से कम नहीं है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Workers Unity Team

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.