फ्री लंच, सैनिटाइजर और पंखे देकर मजदूरों को रोक रहे तेलंगाना, आंध्र के राइस मिल मालिक
कोरोना की दूसरी लहर के चलते प्रवासी मजदूरों ने पिछले साल की तरह अपने घरों की तरफ वापस जाना शुरू कर दिया है।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में राइस मिल मालिकों ने अपने कामगारों को लॉकडाउन के डर के चलते वापस जाने से रोकने के लिए सभी संभव उपाय करना शुरू कर दिया है।
तेलंगाना में मिल मालिक अपने मजदूरों को रोकने के लिए रहने की जगह के साथ-साथ फेस मास्क और सैनिटाइजर और दोपहर का खाना, जैसी कई सुविधाएं दे रहे हैं।
वहीं आंध्र के लोगों ने अपने कामगारों को पंखे और एयर-कूलर के साथ घर के अलावा मुफ्त चावल और सब्जियां देना भी शुरू कर दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल सहित दूसरे राज्यों के 1.5 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिक तेलंगाना की 2,200 चावल मिलों में काम करते हैं, जहां उनका मुख्य काम चावल की बोरियों को लोड करना और उतारना शामिल है।
पिछले साल महामारी के दौरान, हजारों मजदूरी अपने घरेलू राज्यों के लिए रवाना हो गए, जिससे चावल मिलों पर काफी प्रभाव पड़ा था।
मिर्यालगुड़ा के एक चावल मिल के मालिक और मिर्यालगुड़ा राइस मिलर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मांचू वेंकटेश्वरु ने कहा, ‘‘पिछले साल उन्हें वापस लाने के लिए, हमने दूसरी चीजों के साथ उनको ट्रेन का किराए भी दिया। हम नहीं चाहते कि वे अब फिर से चले जाएं, लेकिन वे चिंतित हैं कि एक और लॉकडाउन हो सकता है और वे यहां फंसे जाएंगे।‘‘
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि ऐसी स्थिति पैदा होने पर उनका अच्छी तरह से ध्यान रखा जाएगा। कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए, मैंने उन्हें मिल परिसर से बाहर नहीं जाने के लिए कहा है।‘‘
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम मिल में मुफ्त भोजन दे रहे हैं ताकि वे दोपहर में बाहर न जाएं और हमने उनके रहने के लिए अतिरिक्त शेड भी बनाए हैं। हमने सैनिटाइटर और मास्क भी उपलब्ध कराए हैं। अगर जरूरत पड़ी, तो हम उन्हें सूखा राशन भी देंगे।‘
पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में, जिसमें लगभग 3,000 चावल मिल हैं, मालिक अपने श्रमिकों को मुफ्त चावल और सब्जियां दे रहे हैं।
आंध्र प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जी वेंकटेश्वर राव ने कहा, ‘हमने अपने सदस्यों से कहा है कि श्रमिकों को जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके संभालें। मजदूरों ने भी महसूस किया है कि अगर वे इस समय यात्रा करने के बजाय मिलों में रहेंगे, तो ही वे सुरक्षित रहेंगे।‘
राव ने कहा, ‘ज्यादातर राइस मिलर्स ने मुफ्त चावल और सब्जियां देना शुरू कर दिया है। पंखे और एयर-कूलर के साथ शेड और क्वार्टर भी दिए जा रहे हैं।‘‘
पिछले साल मई में, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने बिहार और झारखंड के श्रमिकों को वापस लाने के लिए कई ट्रेनों की व्यवस्था की थी।
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