जिस बच्ची ने गुल्लक तोड़ कर पीएम केयर्स फंड में पैसे जमा किए, ऑक्सीजन के लिए मोहताज
गाज़ियाबाद की जिस बच्ची ने अपने गुल्लक के पैसे तोड़ कर 5100 रुपये पीएम केयर्स फंड में दान दिए, आज वो बच्ची कोरोना से पीड़ित है और उसके इलाज के लिए ऑक्सीजन तक नहीं मिल पा रहा है।
देश ने क्या सोचा था और उन्हें क्या मिला ? पिछले 7 सालों में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश को कहां पर लाकर छोड़ दिया है!
जिस बच्ची ने खुशी खुशी देश को कोरोना से बचाने के लिए अपने गुल्लक के पैसे को सरकार को दान कर दिया, आज वही बच्ची चंद सांसों के लिए जद्दोजहद कर रही है और कोई सुनने वाला नहीं है।
सामाजिक कार्यकर्ता अमित मिश्रा ने एनडीटीवी का एक वीडियो क्लीप ट्वीट किया है जिसमें पीएम केयर्स फंड में दान देने वाली बच्ची के पिता मिथिलेश कुमार कह रहे हैं कि ‘हम तो सरकार से चाह रहे हैं, हम तो मोदी जी से चाह रहे हैं कि हमारी बिटिया ने तो 5100 रुपये भी दिए पीएम केयर्स फंड में. अरे, अब तो ऑक्सीजन दे दो !’
बच्ची के पिता वीडियो में ये कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि ‘हम तो ऑक्सीजन के लिए परेशान हैं. हमारे बेटी ने तो गुल्लक फोड़ के, जो थे वो सरकार को दे दिया। हमें तो ऑक्सीजन दे दो साहब।’
यह एक लाचार पिता की गुहार है जो वो राजधानी दिल्ली की इंदिरापुरम के अवंतिका अस्पताल से देश की सरकार और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगा रहा है।
यह व्यथा अकेले किसी एक की नहीं है बल्कि पूरे देश में त्राहिमाम मचा हुआ है। पिछली बार कोरोना काल में ही सरकार ने पीएम केयर्स फंड की स्थापना की थी जिसमें पूरे देश भर से पैसा जमा हुआ था।
इसके सदस्यों में स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हैं।
दिलचस्प बात तो यह है कि पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल कहां और कैसे हो रहा है, इसकी जानकारी किसी देशवासी को नहीं लग सकती क्योंकि सरकार ने इसे सूचना के अधिकार के दायरे से बाहर रखा है।
पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम केयर्स फंड पर सवाल उठाते हुए कहा था कि न अस्पताल है, न ऑक्सीजन है, न बेड है और न वेंटिलेटर है… तो कहां है पीएम केयर्स फंड।
इसके बाद देश भर में पीएम केयर्स फंड के इस्तेमाल को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरु हो गया था।
पीएम केयर्स फंड में अरबों रुपये होने के बावजूद देश में स्वास्थ्य सुविधओं की कमी होना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।
बीबीसी की एक ताज़ा रिपोर्ट कहती है कि पीएम केयर्स फंड से 2000 करोड़ रुपए वेंटिलेटर्स के लिए दिए गए थे, उन वेंटिलेटर्स की सील भी नहीं टूटी है।