कोरोना से हेल्थ वर्कर मौत पर 48 घंटों के भीतर होगा बीमा दावे का निपटारा
फ्रंटलाइन कोरोना वर्कर्स के साथ सरकार की ओर से सौतेले व्यवहार की तीखी आलोचनाओं के बाद केंद्र सरकार ने बीमा राशि उपलब्ध कराने के लिए नए निर्देश जारी किए हैं।
इसके अनुसार अब जिलाधिकारी को बीमा दावे को प्रमाणित करना होगा और बीमा कंपनी 48 घंटों यानी की 2 दिनों के भीतर दावे को स्वीकार कर उसका निपटारा करेगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल में बताया कि राज्यों और अन्य हितधारकों की तरफ से इस योजना के तहत बीमा दावों के निस्तारण में देरी का मुद्दा उठाया गया है।
इस देरी को कम करने और बीमा दावों के निपटारे को सुचारू और सरल बनाने को लेकर दावों के अनुमोदन के लिए एक नई प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
जिसके अनुसार जिलाधिकारी के स्तर पर राज्य सरकारें जितना हो सकेगा उतनी जल्दी से इस काम को निपटाने का काम करेंगी।
जिला अधिकारी प्रत्येक मामले में यह प्रमाणित करेंगे कि दावा, योजना के मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार है। वहीं जिलाधिकारी के इस प्रमाण पत्र के आधार पर बीमा कंपनी 48 घंटे की अवधि भीतर दावों का अनुमोदन और इनका निपटान करेगी।
वहीं एकरूपता और त्वरित निपटान के लिए जिलाधिकारी भी यथासंभव कार्रवाई करेंगे और केंद्र सरकार के अस्पतालों/एम्स/रेलवे आदि के मामलों में भी दावों को प्रमाणित करेंगे।
न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी की तरफ से दिए गए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के निजी दुर्घटना बीमा कवर में स्वास्थ्य कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत के लिए 50 लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है।
यह व्यवस्था सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ ही कोरोना ड्यूटी में लगे निजी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भी की गई है। बीमा कंपनी अब तक दो बार पॉलिसी रिन्यू कर चुकी है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस नई प्रणाली के बारे में सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों को अवगत करा दिया है। यह प्रणाली तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
कोरोना महामारी के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पिछले साल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज बीमा योजना शुरू की गई थी।
शुरुआत में महज तीन महीने के लिए घोषित इस योजना को बाद में आगे बढ़ा दिया गया था। इस साल भी 24 अप्रैल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय योजना को एक साल के लिए आगे बढ़ा चुका है।
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