छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज घटाने का फैसला सरकार ने वापस लिया, वित्त मंत्री ने ट्वीट कर बताया ‘भूल’
By संतोष चौबे
भारत सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने के अपने फ़ैसले को 24 घंटे से भी कम समय में वापस ले लिया है।
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने बुधवार को वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती करने का ऐलान किया था।
लेकिन गुरुवार सुबह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे ‘भूल से जारी हुआ आदेश’ बताकर रद्द कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिखा, “छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज की दरें वही रहेंगी, जो पिछली तिमाही में थीं. इस संबंध में भूल से जो आदेश जारी किया गया था, उसे वापस लिया जाता है।”
बुधवार को वित्त मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर यह कहा था कि ‘छोटी बचत योजनाओं, जैसे सेविंग डिपोज़िट और फ़िक्स्ड डिपोज़िट समेत पीपीएफ़ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), सीनियर सिटिज़न सेविंग सर्टिफ़िकेट (एससीएसएस), नेशनल सेविंग सर्टिफ़िकेट (एनएससी), किसान विकास पत्र (केवीपी) और सुकन्या समृद्धि बचत योजना (एसएसवाई) के लिए ब्याज दरों में कमी की जाएगी और नई ब्याज दरें 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 तक लागू रहेंगी।’
पिछली तीन तिमाहियों में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने के बाद सरकार की ओर से कटौती की यह पहली घोषणा थी।
लेकिन इस आदेश को एक रात में ही वापस ले लिया गया।वित्त मंत्री ने ‘भूल’ को इसकी वजह बताया है, लेकिन विपक्षी पार्टियों के नेता और आम लोग इस पर तंज़ कस रहे हैं।
सीतारमण ने अपने ट्वीट में जिस अंग्रेज़ी शब्द ‘oversight’ (भूल) का ज़िक्र किया था, वो भी ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है।
लोक भविष्य निधि ( पी पी एफ ) खाते आम आदमी के लिए सर्वाधिक सुरक्षा के साथ अधिकतम रिटर्न वाला निवेश विकल्प रहा है, एक अरसे तक वर्ष 2000 तक इस में जमा राशि पर 12 % वार्षिक ब्याज मिलता था।
यहां तक कि मोदी सरकार के आने के समय 2014 मे भी यह 8.7% था , इसे कल इतिहास में अब तक की सबसे तीव्र गिरावट के साथ 6.4% कर दिया गया था।
उससे भी दिलचस्प बात यह है कि महामारी और लॉकडाउन के तथाकथित आर्थिक झंझावातों वाले गए साल में अम्बानी-अडानी जैसे पूंजीपतियों की संपत्ति में अब तक कि सबसे तीव्र बढ़ोत्तरी देखी गयी है।
वही कुछ विषेशज्ञों का कहना है कि एकतरफ बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है और दूसरी तरफ जनता की गाढ़ी कमाई पर मिलने वाला ब्याज घटाया जा रहा है।
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