अनाज पर GST लगाने के खिलाफ संसद से लेकर बाजार तक देशव्यापी विरोध प्रदर्शन
GST की दरों में बढ़ोतरी कर खाने पीने के चीजों और जरूरत के सामान के दाम बढ़ाने पर विपक्ष ने सदन में विरोध प्रदर्शन किया। वहीं व्यापारियों ने इसका विरोध बाजार बंद रख कर किया।
Indian Express की खबर के मुताबिक GST दरों में बढ़ोतरी और मूल्य वृद्धि के मुद्दों पर चर्चा की मांग करने वाले विपक्षी सदस्यों के विरोध के कारण मंगलवार को संसद लगातार दूसरे दिन भी ठप रही।
एकता के प्रदर्शन में, कई विपक्षी दल सदन की कार्यवाही से पहले संसद परिसर में कांग्रेस द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। सदन में हंगामे और अचानक स्थगन का माहौल रहा।
लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के वेल में धावा बोल दिया। विरोध का नेतृत्व कांग्रेस के सांसदों ने किया, जबकि DMK, TRS, NCP, सपा और वाम दलों के लोग उनके साथ शामिल हुए।
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प्रदर्शन करने वालों में वरिष्ठ TMC नेता सौगत रॉय भी शामिल थे। कांग्रेस सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं, जो UPA के समय और अब के दौरान एलपीजी सिलेंडर की कीमतों, डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य और बेरोजगारी दर में अंतर को दर्शा रही थीं। विरोध के बावजूद स्पीकर ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू किया।
MSP पर कानूनी गारंटी पर एक सवाल उठने पर जब सांसदों ने अपनी सीटों पर वापस जाने के स्पीकर के बार-बार अनुरोध करने पर भी ध्यान देने से इनकार कर दिया।
तब विरोध का समय संज्ञान लेते हुए बिरला ने कहा, “आपको नियम पता होने चाहिए। नियम के मुताबिक सदन के अंदर तख्तियां लाने की इजाजत नहीं है. आपको नियमों का पालन करना होगा। आप किसानों के मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं। सदन के बाहर आप किसानों के बारे में बात करते हैं और यहां आप उनके बारे में बात नहीं करना चाहते हैं।’
सदन की बैठक दोपहर 2 बजे फिर हुई, लेकिन विपक्षी सदस्यों के विरोध प्रदर्शन जारी रहने के कारण कार्य नहीं हो सका।
राज्यसभा में भी विरोध प्रदर्शन
ऐसा ही नजारा राज्यसभा में भी देखने को मिला।
जैसा कि विपक्षी सदस्यों ने चर्चा की मांग की, सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, “मुझे (मल्लिकार्जुन) खड़गे और कुछ अन्य सदस्यों से नियम 267 के तहत नोटिस देने वाला एक पत्र मिला है। चूंकि उन मुद्दों पर अन्य बातों के दौरान चर्चा की जा सकती है, मैंने उन्हें स्वीकार नहीं किया है। मूल्य वृद्धि और अन्य मुद्दों पर हम चर्चा कर सकते हैं; मुझे कोई समस्या नहीं है।”
इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। लेकिन सरकार की तरफ से इस बारे में कोई बात नहीं हुई।
सुबह कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गांधी प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के विपक्षी सांसदों ने भाग लिया। खड़गे, राज्यसभा में विपक्ष के नेता, अधीर रंजन चौधरी, के सी वेणुगोपाल, सपा के राम गोपाल यादव, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और सीपीएम के एलामाराम करीम सहित कई सांसदों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
व्यापारियों ने विरोध में किया बाजार बंद
Financial Express की खबर के मुताबिक पिछले शनिवार पूर्व-पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत GST लगाने के फैसले के विरोध में व्यापारियों के विरोध के कारण दिल्ली में थोक और खुदरा अनाज बाजार बंद रहे।
व्यापारियों द्वारा बाजार बंद के कारण नरेला, बवाना और शहर के अन्य हिस्सों में थोक अनाज मंडियों में सन्नाटा पसरा रहा। शहर की कई खुदरा अनाज मंडियां भी बंद रहीं।
दिल्ली अनाज व्यापारी संघ के अध्यक्ष, नरेश कुमार गुप्ता ने कहा कि यह पहली बार है जब गैर-ब्रांडेड खाद्य पदार्थों को GST के तहत लाया जा रहा है और दावा किया कि यह निर्णय आम जनता और व्यापारियों के पक्ष में नहीं है।
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GST लगाने पर निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था GST परिषद ने पिछले महीने राज्यों के मंत्रियों के एक समूह की अधिकांश सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था, जिसमें लेवी को युक्तिसंगत बनाने की नजर से छूट वापस लेने की बात कही गई थी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि पहले से पैक और लेबल वाला मांस (फ्रोजन को छोड़कर), मछली, दही, पनीर, शहद, सूखी फलीदार सब्जियां, सूखे मखाना, गेहूं और अन्य अनाज, गेहूं या मेसलिन का आटा, गुड़, मुरमुरा (मुड़ी), सभी सामान और जैविक खाद और कॉयर पिथ कंपोस्ट को GST से छूट नहीं दी जाएगी और अब 5 प्रतिशत कर लगेगा।
इस बीच, महाराष्ट्र के नवी मुंबई में एपीएमसी बाजार के व्यापारियों ने भी अपने दुकान बंद रखे। जम्मू में, व्यापारियों ने अनाज, प्री-पैक्ड और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर GST लगाने के फैसले के खिलाफ विरोध मार्च निकाला।
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