सूरत के डायमंड उद्योग में मजदूरों की भारी कमी, वापस नहीं लौटे घर गए लाखों मजदूर

सूरत के डायमंड उद्योग में मजदूरों की भारी कमी, वापस नहीं लौटे घर गए लाखों मजदूर

देश में जहां एक तरफ बेरोजगारी लगातार पैर पसारती जा रही है। वहीं दूसरी गुजरात के सूरत की डायमंड इंडस्ट्री मजदूरों की भारी कमी से जूझ रही है।

जानकारी के अनुसार कोरोना की पहली लहर के समय अपने घर गए लाखों मजदूर वापस ही नहीं लौटे हैं। इस वजह से प्रोडक्शन में भी कमी देखने को मिल रही है।

सूरत के डायमंड उद्योगपति, सूरत डायमंड एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट और जेम्स ऐंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के रिजनल चेयरमैन दिनेश भाई नावडिया का कहना है कि कोरोना काल के बाद दुनियाभर में डायमंड की मांग बढ़ी है, मगर ऐसे समय में सूरत की डायमंड फैक्टरियों में श्रमिकों की 25 फीसदी की कमी हो गई है।

सूरत की फैक्टरियों में काम करने वाले न सिर्फ गुजरात के अलग-अलग इलाकों के मजदूर बल्कि अन्य राज्यों के मजदूर भी वापस नही लौटे हैं। ऐसे में मजदूरों को वापस लाने के लिए और नए मजदूरों को तैयार करने के लिए डायमंड उद्योग के संगठन काफी मशक्कत कर रहे हैं।

सूरत में मजदूरों की कमी की वजह मनरेगा योजना को भी माना जा रहा है।

कहा जा रहा है कि जो मजदूर लॉकडाउन के वक्त अपने गांव गए थे उन्हें वहां मनरेगा योजना के तहत काम मिल जा रहा है। वहीं कुछ मजदूर तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए सूरत नही लौटना चाह रहे हैं।

इसके अलावा कम वेतन भी एक बड़ी वजह है। बिजनेस स्टेंडर्ड के मुताबिक डायमंड वर्कर्स यूनियन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉलिश किए गए हीरों की मांग अधिक है, जिससे पॉलिश किए गए हीरों और आभूषणों का निर्यात बढ़ा है। लेकिन सूरत के हीरा मजदूरों को इसका कोई फायदा नहीं हुआ है।

यूनियन का कहना है कि हीरा कारोबारी काम बढ़ने के बावजूद कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने से कतरा रहे हैं।

अब मजदूरों को वापस लाने के लिए सूरत के डायमंड उद्योग से जुड़े संगठन डायमंड कारखानों के मालिकों को वेतन बढ़ाने और अन्य सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि दुनिया में औसतन हर 15 से डायमंड में से 14 डायमंड गुजरात के सूरत के कारखानों में तराशे जाते हैं। सूरत डायमंड कारखानों में तैयार होने वाले डायमंड देश और दुनिया भर के अलग-अलग इलाक़ों में भेजे जाते हैं।

वहीं पूरे गुजरात में करीब एक करोड़ लोग अप्रत्यक्ष रूप से डायमंड के कारोबार से जुड़े है जबकि 15 से 16 लाख लोग सीधे डायमंड उद्योग से जुड़े है।

सूरत शहर डायमंड का हब है यहां के कारखानों में रफ डायमंड तराश कर चमकाए जाते हैं।

(साभार-आज तक, बिजनेस स्टैंडर्ड)

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Amit Singh

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