हसदेव अरण्य: CM भूपेश बघेल का आदेश, अनिश्चितकाल तक खनन पर रोक लगाई जाए
छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरुवार को कहा कि हसदेव अरण्य में खनन की सारी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को यह मौखिक आदेश दिया है।
राज्य स्वास्थ्य मंत्री और स्थानीय MLA टी एस सिंहदेव ने कुछ दिनों पहले हसदेव के जंगल में जाकर प्रदर्शनकारियों के साथ समर्थन जताया था।
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इस फैसले से परसा ईस्ट केंते बासन (PKEB), परसा और केंते एक्सटेंशन के खदानों के कामकाज पर असर पड़ेगा।
गुरुवार को सरगुजा कलेक्टर संजीव झा ने मीडिया को बताया कि सारे विभागीय और आधिकारिक प्रक्रिया अनिश्चित समय के लिए रोक दी गई है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार विरोध प्रदर्शन को “सिंहदेव का समर्थन मिलने से CM बघेल नहीं चाहते हैं कि हसदेव में कोई भी पेड़ काटे जाएं”।
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PKEB खदानों के लिए जमीन अधिग्रहण के दूसरे चरण में मुआवजे के लिए की जा रही बैठकों को भी रद्द कर दिया गया है।
बैठक पहले 28 मई को निर्धारित हुई थी जिसे बढ़ा कर फिर 4 जून और 8 जून किया गया और आखिर में रद्द कर दिया गया।
इसके लिए जारी की गई चिट्ठी हालांकि सरपंचों तक 9 जून को ही पहुंची।
तक तक ग्रामसभाओं ने बैठक कर जमीन नहीं देने का फैसला भी ले लिया।
हसदेव अरण्य दुर्लभ पशु पक्षियों, हाथियों के साथ साथ कोयले का भी एक समृद्ध स्रोत है।
राजस्थान सरकार के आबंटित दो कोयला ब्लॉकों का जंगल में अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा खनन किया जाना है।
PKEB के पहले चरण में खनन किया जा चुका है वहीं दूसरे चरण के लिए वन मंजूरी दे दी गई है।
परसा और केंते विस्तार के लिए मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है।
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