हरियाणा स्वास्थय विभाग ने क्वारंटीन सेंटर में रह रहे डॉक्टरों, नर्सों का वेतन काटा, स्वास्थ्य कर्मियों में रोष का माहौल
कोरोना से संक्रमित, क्वारंटीन सेंटर में रह रहे डॉक्टरों और नर्सों के वेतन में हरियाणा स्वाथ्य विभाग ने कटौती की है। सरकार के इस रवैये से डॉक्टर बहुत आक्रोशित हैं।
एनएचम के कुछ स्वाथ्य कर्मी कोरोना के मरीजों से संपर्क में आने से कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। इन्हें 15 दिन तक क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था। जिसके कारण स्वास्थ्य कर्मी अपनी ड्यूटी नहीं कर पा रहे थे। इसी बात का हवाला देते हुए हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और नर्सों की वेतन में कटौती की है।
इसी तरह गुरुग्राम व मेवात सहित अन्य कई जिलों में एनएचएम में लगे डॉक्टरों व नर्सों का वेतन काटने के मामले सामने आ रहे हैं।
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सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि विभाग के दोहरे रवैये से एनएचएम के तहत तैनात डॉक्टर, नर्स, आशा वर्कर व अन्य स्टाफ असंतुष्ट हैं।
एनएचएम कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष रिहान रजा ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द साथ किए जा रहे दोहरे रवैये को दूर करते हुए काटा गया वेतन वापस नहीं किया गया व उनकी समस्याओं का निवारण नहीं हुआ तो एनएचएम कर्मचारियों को प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
एक स्थानीय अखबार को संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि डबल वेतन न लेने और करीब 2 हजार यूनिट रक्तदान करने वाले एनएचएम में लगे डॉक्टरों, नर्सों व अन्य पदों पर सालों से तैनात स्टाफ के अनुबंध नवीनीकरण के लिए बेंचमार्क की शर्तें लगाई गई है, जो महामारी में फ्रंटलाइन पर काम करने वाले इन कोरोना योद्धाओं के साथ अन्याय है।
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