बंधुआ मुक्ति मोर्चा के महासचिव निर्मल गोरोना गिरफ़्तार, फरीदाबाद में उजाड़े जा रहे परिवारों को समर्थन देने पहुंचे थे
मज़दूर परिवारों का साथ देने के लिए बंधुआ मुक्ति मोर्चा के जनरल सेक्रेटरी निर्मला गोराना को फरीदाबाद पुलिस ने मंगलवार को खोरी गांव से गिरफ़्तार कर लिया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरीदाबाद के खोरी गांव से 10,000 परिवारों के घर उजाड़ने के आदेश के बाद वहां प्रदर्शन हो रहा था और निर्मल अपना समर्थन देने पहुंचे थे।
उल्लेखनीय है के अदालत ने छह हफ़्ते का समय दिया है और रोज़ खोरी गांव में पुलिस फोर्स की संख्या बढ़ाई जा रही है और घर तोड़े जाने की पूरी तैयारी की गई है।
भारी पुलिस फोर्स के बीच निर्मल को फरीदाबाद पुलिस ने मंगलवार दोपहर 2 बजे ले गई लेकिन तमाम वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बार बार पूछने पर भी उनके बारे में पता नहीं चल पाया।
शाम को सूरजकुंड पुलिस ने परिजनों को फ़ोन कर बताया कि उन्हें गिरफ़्तार किया गया है और उनके बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) ने एक बयान जारी कर कहा है कि ‘पुलिस खोरी गांव के लोगों को तरह तरह से डराने की कोशिश कर रही है और आधिकारिक रूप से रहवासियों को तीन की मोहलत को भी नहीं मान रही है। निर्मल वहां हालात का जायज़ा लेने पहुंचे थे और तब पता चला कि बीते दो दिनों से खोरी गांव की बिजली काट दी गई है जबकि सरकार ने घर ढहाने की तारीख़ दो दिन बढ़ा दी थी। वापस लौटते हुए निर्मल की कार को पुलिस ने रोका और उन्हें हिरासत में लेकर चली गई।’
ट्रेड यूनियन एक्टिविस्ट और संगठन से जुड़े चंदन कुमार ने बताया कि एफ़आईआर की कॉपी मांगने पर भी पुलिस ने मुहैया नहीं कराया और अभी तक पता नहीं है कि किन धाराओं में निर्मल को गिरफ़्तार किया गया है।
निर्मल गोराना वहां मज़दूर और गरीब परिवारों को समर्थन देने कई दिनों से पहुंच रहे थे और मंगलवार को उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने बेदखली के आदेश दिए हैं किंतु सरकार स्लम ड्वेलर्स को उनके पुनर्वास के अधिकार से वंचित कर रही है। सरकार को अपनी भूमिका पूर्ण संवेदनशीलता के साथ अदा करनी चाहिए जो कि उनका दायित्व है लेकिन सरकार यदि अपने दायित्व से भागती है तो यहां पर सामाजिक न्याय का सरकार द्वारा ही गला घोंटा जाएगा।
गौरतलब है कि बीते 3 दिनों में खोरी गांव के 15 लोगों को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है। हालांकि फ़रीदाबाद ज़िला अदालत से इन सभी को ज़मानत मिल गई लेकिन उन्हें तीन दिन तक जेल में रहना पड़ा।
खोरी गांव में तनाव है और भारी पुलिस बल के दम पर लोगों के आशियाने ढहाने की पूरी तैयारी है। नगर निगम के संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान के अनुसार, 15, 16, 17 और 18 जून को अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई होगी। इन चार दिनों के लिए भारी पुलिस बल की मांग की गई है।
मज़दूर अधिकार कार्यकर्ताओं ने निर्मल गोराना की गिरफ़्तारी की निंदा की है और उन्हें तत्काल रिहा किए जाने की मांग के साथ ही खोरी गांव के वासियों के साथ इंसाफ़ की मांग की है।
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