हाईकोर्ट का तुगलकी फरमान, हड़ताल करने वालों को सीधे जेल में डालने की धमकी

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पीजीआईएमईआर के कर्मचारियों और यूनियन नेताओं पर हड़ताल करने से रोक लगा दी है। साथ ही हड़ताल पर जाने वाले मज़दूरों को जेल में डालने के आदेश जारी कर दिए हैं।
हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि, ‘यदि किसी भी कारण पीजीआईएमईआर का कोई भी कर्मचारी या कर्मचारी यूनियन का नेता हड़ताल या भूखहड़ताल करने की कोशिश करेगा तो उसे फौरन नागरिक जेल में डाल दिया जाएगा।’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मज़दूर किसी भी तरह से हड़ताल या विरोध प्रदर्शन न कर पाए इसलिए इस बात की पूरी जिम्मेदारी चंडीगढ़ के डीएम उर्फ डिप्टी कमिश्नर और चंडीगढ़ के एसएसपी को दी गई है।
जज अरविंद सिंह संगवान ने आदेश जारी करते हुए पीजीआईएमईआर के कर्मचारियों को हाईकोर्ट के पिछले आदेश का हवाला देते हुए हड़ताल पर जाने से मना किया है।
दरअसल साल 2019 से पीजीआईएमईआर के कर्मचारी पदोन्नति और वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। पर इनकी मांगों पर ग़ौर करने की बजाए हाईकोर्ट खुद सरकार के पक्ष को सही मान बैठा।
- यूपी में छह महीने तक हड़ताल पर प्रतिबंध, योगी सरकार ने ‘एस्मा’ के तहत जारी किया आदेश
- आम हड़ताल की हवा निकालने में जुट गया संघ समर्थित भारतीय मज़दूर संघ, 20 को विरोध प्रदर्शन
अगस्त 2019 में हाईकोर्ट ने हड़ताल पर रोक लगा दी थी लेकिन इसके बाद कर्मचारी नेता तरनदीप सिंह ग्रेवाल और हरभजन सिंह भाटी ने नई यूनियन बनाकर भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी।
इसी आदेश का हवाला लेकर पीजीआईएमईआर इस बार भी हाईकोर्ट पहुुंचा था। अब कोर्ट ने हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को सीधे जेल में डालने के आदेश जारी कर दिए हैं।
इन दोनों कर्मचारी नेताओं ने 15 अप्रैल को एक पत्र भेजकर हड़ताल पर जाने की पूर्व सूचना दी थी। कोर्ट ने इनसे 13 जुलाई तक जवाब मांगा है।
सरकार श्रम कानूनों को रद्द करने में जुटी हुई है। जिस न्यायपालिका पर इस देश का हर नागरिक भरोसा करता है, अब वो न्यायपालिका भी सरकार के पक्ष में फैसले सुना रही है।
कुछ इसी तरह उत्तरप्रदेश सरकार ने भी किया है। योगी सरकार ने मज़दूरों और अधिकारियों के भत्ते में कटौती करने के बाद राज्य में हड़ताल पर रोक लगा दिया है।
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)