मानेसर से होंडा समेट रहा अपना कारोबार
मानेसर इंडस्ट्रीयल एरिया से कई बडी कंपनियां अपना कारोबार धीरे-धीरे समेट रही हैं।
मारुती के बाद अबहोंडा भी अपने कई युनिट मानेसर से कहीं और शिफ्ट कर रहा हैं।
कोरोना इफेक्ट के बाद मानेसर में होंडा का स्कूटर निर्माण पूरी तरह से बंद है और मोटरसाईकिल भी अब 2500 के बजाय महज 1700 ही प्रतिदिन के हिसाब से उत्पादित हो रहा हैं।
बताया जा रहा है कि कोरोना काल के प्रभाव के कारण कंपनी के उत्पादन पर काफी बुरा असर पडा हैं। होंडा ने मानेसर से अपनी तीन स्कूटर लाइन में से दो लाइन शिफ्ट कर दिया हैं।
इसे मानेसर ही नहीं बल्कि पुरे हरियाणा के लिए एक बहुत बडी क्षति के तौर पर देखा जा रहा है। कंपनी के इस फैसले से जहां आर्थिक नुकसान होगा वहीं रोजगार और पुरे इंडस्ट्रीयल एरिया पर इसका बहुत बुरा असर पडेगा।
इस बारे में आईएमटी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन यादव ने बताया कि कंपनियों के इस कदम पर सरकार को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत हैं। ऐसा क्यों हो रहा क्या यह सरकार की नई -नई नीतियों के वजह से या सुविधाओं के अभाव के कारण तो नहीं हो रहा है।चाहे जो भी कारण हो सरकार को कंपनियों से बात करनी चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि अगर यह सब कारण नही थे तो कंपनी को ध्यान रखना चाहिए था कि देश में इन्होंने जब पहला प्लांट लगाया तो इस इंडस्ट्रीयल एरिया में हरियाणा प्रदेश व सरकार ने हर संभव मदद की।
यादव ने बताया कि कंपनी अधिकारियों से हुई बात के मुताबिक कर्मचारियों का वेतन व यूनियनों की बढती सक्रियता इसकी मुख्य वजह हैं।
कंपनी अधिकारियों का कहना है कि यहां स्कूटर यूनिट संचालित करना महंगा सौदा है। साथ ही उन्होंने श्रम अधिकारियों को भी दोष देते हुए कहा कि वे कंपनी और यूनियनों के बीच सुलह समझौता के जरिए ज्यादा वेतन की मांग करवाते हैं।
वही कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारी झूठ बोल रहे है। यदि उनका वेतन किफायती दर पर नही था तो अब तक इस यूनिट से रिर्काड स्कूटरों का निर्माण कैसे हुआ।उनका कहना है कि उन्होने अपनी हाडतोड मेहनत से कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचाया था।
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