धारूहेड़ा में होंडई मोबिस कंपनी ने बिना सूचना 105 ठेका मज़दूरों को निकाला
हरियाणा के रेवाड़ी में स्थित औद्योगिक इलाके धारूहेड़ा में एक कंपनी ने अपने 105 मज़दूरों को अचानक नौकरी से निकाल दिया। ये सभी श्रमिक ठेकेदार के अधीन कार्यरत थे। सोमवार सुबह वे ड्यूटी पर पहुंचे तो गेट बंद होने का नोटिस चस्पा मिला। इसके बाद श्रमिकों ने गेट पर ही प्रदर्शन शुरू कर दिया।
दैनिक भास्कर अखबार के अनुसार, कंपनी के गेट पर भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। कंपनी का कहना है कि उन्होंने किसी मज़दूर को नहीं हटाया। ठेकेदार का एग्रीमेंट खत्म हो गया। इसलिए उन्हें ड्यूटी पर नहीं लिया गया।
बता दें कि दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित धारूहेड़ा कस्बा के गांव खरखड़ा में होंडई मोबिस कंपनी ने अपना प्लांट लगाया हुआ है। प्लांट में कंपनी के दूसरे प्लांटों से बड़ी पैकिंग में स्पेयर पार्ट्स आते है। खरखड़ा के प्लांट में इन पार्ट्स को छोटी-छोटी पैकिंग में करने के बाद उत्तर भारत में सप्लाई किया जाता है। प्लांट में सैकड़ों मज़दूर कार्यरत है। इसमें से 105 श्रमिकों को सोमवार की सुबह अचानक कंपनी से हटा दिया गया।
मज़दूरों को उस वक्त पता चला जब वह सुबह ड्यूटी पर कंपनी पहुंचे। यहां गेट बंद होने का नोटिस चस्पा मिला। उसके बाद मज़दूरों ने कंपनी प्रबंधक के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। गहमा-गहमी होने पर अतिरिक्त पुलिसबल कंपनी के गेट पर तैनात किया गया है। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों को गेट से हटा दिया।
कंपनी से निकाले गए मज़दूरों ने कहा कि वे सभी पिछले 15 सालों से कंपनी में कार्यरत है। इस तरह बगैर किसी कारण और नोटिस दिए कंपनी से निकाला जाना उनके साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि उनके पीछे पूरा परिवार है। अचानक नौकरी छूटने से परिवार पालना भी मुश्किल हो जाएगा। कंपनी ने उन्हें हटाकर चुपचाप तरीके से नए मज़दूरों को भर्ती कर लिया है।
उन्होंने सरकार और प्रशासन से कंपनी प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें दोबारा नौकरी दिलाने की मांग की है। वहीं मज़दूरों के हक में काफी कर्मचारी नेता भी पहुंचे। श्रमिक यूनियन के कुछ नेताओं को और कंपनी प्रबंधक के बीच बातचीत जारी है।
होंडई मोबिस कंपनी के एचआर प्रभारी आशीष के अनुसार, ठेकेदार के अधीन ये कर्मचारी कार्यरत थे उसका एग्रीमेंट खत्म हो चुका है। ऐसे में जिस ठेकेदार का काम ही नहीं तो ये श्रमिक क्या करेंगे। कंपनी में कार्य जारी है। अन्य ठेकेदार के श्रमिक भी काम कर रहे हैं।
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