अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने नही उठाई हमारे किसी भी फैसले पर उंगली-केंद्र सरकार

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने नही उठाई हमारे किसी भी फैसले पर उंगली-केंद्र सरकार


पिछले साल दस  ट्रेड  यूनियनों ने आईएलओ  को समझौते के उल्लंघन को लेकर की थी शिकायत

केंद्र सरकार ने कहा कि इंटरनेशनल लेबर आर्गनाइजेशन (ILO) ने त्रिपक्षीय परामर्श   समझौते को लेकर भारत की उदासीनता को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।

लाइवमिंट के मुताबिक,आईएलओ ने पिछले साल देश के कुछ राज्यों में श्रम सुधार के नाम पर थोपे गए मजदूर विरोधी नियमों को लेकर गहरी चिंता जताई थी।

बुधवार को राज्य सभा में श्रम मंत्रालय ने लिखित बयान दिया कि देश के श्रम कानूनों में चार नए लेबर कोड जुडने से आईएलओ कंवेशन 144 के अंतर्गत त्रिपक्षीय परामर्श समझौते का उल्लंघन नहीं होता और न ही आईएलओ ने इसे लेकर सरकार से कोई टिप्पणी की है।

मंत्रालय ने कहा कि भारत आईएलओ के संस्थापक देशों में से एक है और इसके सिद्धांतों और उदेश्यों के प्रति गहरी श्रद्धा रखता है।

उसने कहा कि भारत सरकार ने हमेशा त्रिपक्षीय परामर्श समझौते के बुनियादी सिद्धातों का पालन किया है।

हालांकि श्रम मंत्रालय ने कुछ राज्यों में किए गए श्रम सुधारों का कोई जिक्र नहीं किया, जिनके तहत राज्यों में इंडस्ट्रीज को मनमाने अधिकार दिए गए हैं।

गौरतलब है कि श्रम मंत्रालय ने इन सुधारों को लागू करवाने के लिए पिछले साल काफी सक्रियता दिखाई थी और इस बाबत पत्र लिखकर राज्यों को निर्देश दिए थे।

ट्रेड यूनियनों के पिछले साल मई में लिखे पत्र के जवाब में आइएलओ ने कहा था, आईएलओ के महानिदेशक ने मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे केंद्र और राज्य सरकारों से इंटरनेशनल समझौतों का पालन करने को कहें।

भारत उन देशों में एक है, जिन्होंने जिनेवा स्थित आईएलओ के त्रिपक्षीय परामर्श समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

इसके तहत मजदूरों से जुडा कोई भी फैसला त्रिपक्षीय यानी सरकार, नियोक्ता और मजदूरों के बीच आपसी परामर्श के बाद लिया जाना चाहिए।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Abhinav Kumar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.