मानेसर के अलीहर गांव में स्थानीय दबंगों का मज़दूरों पर बर्बर हमला, मारुति के मज़दूर का सिर फोड़ा
आईएमटी मानेसर के अलीहर गांव में मारुति के पार्ट्स बनाने वाली कंपनी के मज़दूरों को गांव के दबंगों ने हॉकी, लाठी डंडों से बुरी तरह पिटाई की है।
मारुति कंपनी में काम करने वाले एक मज़दूर किशन को बुरी तरह चोट लगी है और उसे गुड़गांव रेफ़र किया गया है।
ये घटना आठ अप्रैल को दिन के क़रीब 11 बजे की है जब बड़ी संख्या में स्थानीय दबंग लड़के हाथ में डंडे और लोहे की रॉड लेकर एक बिल्डिंग में घुस गए।
अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू के अनुसार, डीसीपी मानेसर दीपक शरण ने बताया कि इस मामले में एफ़आईआर दर्ज की गई है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।
बेलसोनिका यूनियन के जनरल सेक्रेटरी जसबीर ने बताया कि इस तरह की घटनाएं आईएमटी मानेसर के मज़दूर बहुल इलाक़ों में बड़े पैमाने पर हो रही हैं।
अलियरपुर चौक पर चार माले की बीजीआर बिल्डिंग है जिसमें क़रीब 150 मज़दूर रहते हैं। ये सभी मज़दूर मारुति सुजुकी, उसके पार्ट्स बनाने वाली कंपनी बेलसोनिका और होंडा कंपनी में काम करते हैं।
घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे बेलसोनिका कंपनी के मज़दूर राज किशोर ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि मानेसर के अलियरपुर गांव में बड़े पैमाने पर मज़दूर रहते हैं।
दिन में जब 25-30 लोग उस बिल्डिंग में घुसे तो सभी मज़दूर अपने कमरों में भागकर अंदर से लॉक कर लिया, लेकिन जो मज़दूर बाहर रह गए उनकी बेरहमी से पिटाई की गई।
राज किशोर के अनुसार, दबंगों ने बंद पड़े दरवाजों को तोड़ने की कोशिश की और जो कमज़ोर दरवाज़े थे उन्हें तोड़ा और भीतर घुसकर बहुत बुरी तरह मारपीट की।
इन्हीं में से एक कमरे में मारुति में ट्रेनिंग पर रखे गए सात आठ मज़दूर थे, जिनका दरवाज़ा तोड़कर इन दबंगों ने लाठी डंडों से बुरी तरह पिटाई की।
इस हमले में सिवान के रहने वाले किशन के सिर में बुरी तरह चोट लगी। राज किशोर का आरोप है कि स्थानीय लोगों ने घायल किशन को अस्पताल ले जाने से भी रोका।
जब मकान मालिक को फ़ोन किया तो उन्होंने थाने पर फ़ोन किया तब जाकर पुलिस आई और किशन को गुड़गांव के पारस अस्पताल ले जाया गया।
किशन स्टूडेंट ट्रेनिंग के तहत एक साल से मारुति में काम कर रहा था और उसका एक साल और मारुति में ITI की ट्रेनिंग के रूप में काम करना है।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, डाउन के दौरान किशन अपने साथी मज़दूरों के साथ कमरे में खाना पका रहे थे। हमलावरों में इलाके के सरपंच (अलियर-122051) के साथ कुछ लोकल लड़के थे।
किशन के अलावा क़रीब पांच छह मज़दूरों को भी गंभीर चोटें आई हैं।
मज़दूरों के पास पैसे ख़त्म हो चुके हैं और सरकार की ओर से न कोई राशन पहुंचाया जा रहा है और न कोई मदद, ऐसे मज़दूर अपने राशन के लिए जानपहचान के मज़दूरों से उधार या सामान लेने के लिए निकल रहे हैं।
मज़दूरों को अपनी चॉल में बंद रखने के लिए गांव के दबंग लाठी डंडों से लैस गली गली पहरा देते हुए देखे जा सकते हैं, लेकिन ये पता नहीं चल पा रहा है कि प्रशासन की कड़ी चौकसी के बावजूद स्थानीय दबंग कैसे मज़दूरों पर बर्बर हमला करने में सफल हो पाए।
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