दिल्ली: काम की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं दिहाड़ी मजदूर, खाने के भी पड़े लाले
कोरोना की दूसरी लहर ने देश भर के मजदूरों के सामने फिर से गुजारा करने की चुनौती खड़ी कर दी है।
पिछले साल लॉकडाउन के बाद जब मजदूर वापस शहरों की तरफ आए थे तो उन्होंने यह कतई नहीं सोचा होगा कि साल भर के भीतर ही उन्हें फिर से उन्हीं परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
मजदूरी के सहारे अपना और अपने परिवार का पेट भरने वाले मजदूर आज काम की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। दरअसल लॉकडाउन के चलते देश भर में निर्माण कार्यों पर थोड़ा ब्रेक लग गया। देश की राजधानी दिल्ली का भी यही हाल है।
महामारी के चलते फैक्ट्रियों में पूरी रफ्तार से काम शुरू नहीं हो पाया है। काफी फैक्ट्रियां ऐसी भी हैं जहां अभी काम चालू नहीं हुआ है। वहीं संक्रमण के डर से दूसरे निर्माण कार्य भी सुस्त पड़े हुए है।
इसके चलते दिल्ली में दिहाड़ी मजदूर काम की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं।
भजनपुरा के लेबर चौक पर काम की तलाश में आए अर्जुन कुमार ने एएनआई को बताया, ”हमारे पास काम और खाना नहीं है। हम हर दिन काम की तलाश में आते हैं। लॉकडाउन से पहले मैं कपड़े बेचता था। सड़क के किनारे में दुकान लगाता था।’
वहीं एक दूसरे मजदूर ने कहा कि जो पैसे थे वह खत्म हो गए हैं, अब कुछ भी नहीं बचा है। जिसके चलते कर्ज में डूब गए हैं। उधारी के भरोसे रोजी-रोटी चल रही है।
वहीं एक और मजदूर ने कहा कि पिछले साल लॉकडाउन में हमें एनजीओ की तरफ से सहायता मिली थी, लेकिन इस बार कोई मदद नहीं मिल रही।
गौरतलब है कि लॉकडाउन में छूट मिलने के साथ ही मजदूर वापस दिल्ली की तरफ आ रहे हैं।
(साभार-एएनआई)
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