नेपाल में प्रवासी मजदूरों के खाते में सीधे आर्थिक मदद, मौत होने पर 7 लाख रुपये मुआवजा
कोरोना महामारी का सबसे अधिक असर दुनिया भर के मजदूरों पर पड़ा है। इस संक्रमण के चलते वे बेरोजगार हो गए हैं। घर लौटने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। घर पहुंचकर सरकारी मदद पाने के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ता है।
ऐसे में प्रवासी मजदूरों की बेहतरी के बारे में सोचते हुए नेपाल सरकार ने एक सकारात्मक कदम उठाया है। इसके तहत कई प्रवासी मजदूर जो अपने परिवार में मृत्य, चोट या बीमारियों के चलते सरकार से वित्तीय सहायता पाने के हकदार हैं उन्हें काठमांडू की यात्रा किए बिना सहायता प्राप्त हो रही है।
दरअसल लोगों को ऑनलाइन या संबंधित स्थानीय इकाइयों में मुआवजे के लिए आवेदन जमा करने का विकल्प दिया गया है जिससे प्रवासी मजदूरों को पहले की तुलना में कम परेशानी के साथ वित्तीय सहायता प्राप्त हो रही है।
सरकार के विदेशी रोजगार बोर्ड ने लाभार्थियों को उनकी स्थानीय इकाइयों या ऑनलाइन माध्यम से मुआवजे के लिए आवेदन करने की व्यवस्था की है।
यह व्यवस्था उन सैकड़ों लोगों के लिए राहत के रूप में आई है जिन्हें मुआवजा पाने के लिए काठमांडू जाना पड़ता था।
बोर्ड के कार्यकारी निदेशक राजन प्रसाद श्रेष्ठ के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में, लगभग 350 परिवारों को बिना कार्यालय आए या बैंक चेक जमा किए सीधे उनके बैंक खातों में मुआवजा मिला है।
विदेशी रोजगार नियमों में पांचवें संशोधन के अनुसार विदेशी रोजगार से संबंधित मुआवजे का दावा करने के लिए आवेदन संबंधित स्थानीय इकाइयों में जमा किए जा सकते हैं। बोर्ड ने इसके अनुसार ही व्यवस्था की है।
विदेशी रोजगार संबंधी सेवाओं के विकेंद्रीकरण के रूप में, बोर्ड ने सभी 753 स्थानीय इकाइयों को पत्र लिखकर मुआवजे की आवेदन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने का अनुरोध किया था।
इस नई व्यवस्था के अनुसार स्थानीय इकाई में जमा किए गए आवेदन सात दिनों के अंदर बोर्ड के ऑफिस में पहुंच जाना चाहिए। आवेदन प्राप्त होने पर स्थानीय इकाई दस्तावेजों को सत्यापित करती है और दूसरी जानकारियों की पुष्टि करती है। जिसके बाद आवेदन को काठमांडू के बोर्ड ऑफिस में भेज दिया जाता है।
आवेदन प्राप्त होने पर, काठमांडू में बोर्ड सचिवालय एक बार फिर सभी दस्तावेजों का सत्यापन करता है। साथ ही यह आकलन करता है कि प्रवासी श्रमिक या उनका परिवार मुआवजे के पात्र है या नहीं।
इसके अलावा आवेदन प्राप्त करने के लिए बोर्ड ने ऑनलाइन सिस्टम की शुरुआत भी की है जिससे लाभार्थी को सीधे खाते में मुआवजा प्राप्त होता है।
मृतक मजदूर के परिवार को 7 लाख रुपये (नेपाली करेंसी) मिलते हैं। वहीं बोर्ड गंभीर रूप से घायल श्रमिकों को भी वित्तीय सहायता देता है। इसके साथ ही मजदूर के देश लौटने के एक साल के अंदर या उनके अनुबंध तक 15 गंभीर बीमारियों के उपचार को कवर करता है।
(साभार- द काठमांडू पोस्ट)
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