होंडा में लगातार हो रही छंटनी के विरोध में मज़दूरों की सांकेतिक भूख हड़ताल
होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया कंपनी से अस्थाई मजदूरों को निकालने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
कुछ समय पहले एक अस्थाई मज़दूर ने नाम ज़ाहिर होने की शर्त पर वर्कर्स यूनिटी को फ़ोन पर अस्थाई मज़दूरों के हालात के विषय में बताया था।
उस मज़ूदर ने बताया कि बीते गुरुवार को भी 50 टेंपरेरी वर्करों को न आऩे के लिए कह दिया गया है।
हालांकि होंडा यूनियन के पदाधिकारी राजेश गौड़ ने मज़दूरों के निकाले जाने की बात का खंडन किया है।
पिछले अगस्त में ही होंडा प्रबंधन ने मानेसर प्लांट से 700 कांट्रैक्ट वर्करों को ग़ैरक़ानूनी रूप से निकाल दिया था।
लेकिन अब ताजा खबर ये है कि कपंनी ने बीते दिनों करीब 50 ठेका मज़दूरों को दीवाली का उपहार देकर उसी समय नौकरी से निकाल दिया गया।
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इसके विरोध में सभी मज़दूरों ने काम करते हुए भूख हड़ताल की जो कि 3 दिनों तक लगातार जारी रहेगी।
मज़दूरों के इस विरोध के पक्ष में यूनियन ने कहा की वो भी मज़दूरों के साथ है और इस के विरोध में वो भी भूख हड़ताल करेंगे।
ये बात अभी तक साफ़ नहीं हो सकी है कि मज़दूरों को काम पर वापस कब लिया जाएगा।
ऐसे में इन मज़दूरों का कहना है कि वो इस भय में जी रह हैं कि पता नहीं कब उनको भी इसी तरह से नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
ऐसे में उनका जीवन यापन कठिन हो जाएगा, उनको न तो ये पता है कि कब उनको वापस काम पर रखा जाएगा और न ही उनके पास वापस लौटने का कोई रास्ता है।
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मज़दूरों का कहना है कि प्रबंधन का इस तरह का रवैया उनके साथ सरासर जुल्म है और कंपनी इसी तरह धीरे-धीरे सभी मज़दूरों को निकाल देगी।
पर वहीं होंडा यूनियन के नेता का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा की बताया जा रहा है।
इस पूरे मामले को लेकर वर्कर्स यूनिटी, यूनियन का पक्ष भी जानने की कोशिश कर रहा है जैसे ही उनका पक्ष हमारे सामने आएगा तो हम उनका पक्ष भी प्रकाशित करेंगे।
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