क्या ऑटोमेशन और तकनीक ही असली वजह हैं बेरोजगारी की ?
सबसे घटिया किस्म का ‘तर्क’ है कि ऑटोमेशन और तकनीक की वजह से काम कम हो गया, रोजगार खत्म हो गए। यह पूँजीपतियों के शोषण पर पर्दा डालने वालों का कुतर्क है।
अगर तकनीक की वजह से काम ही नहीं बचा तो उद्योग, दफ्तर, दुकान, बैंकिंग, आईटी – कहीं भी देखिये, हर सेक्टर में हर जगह काम के घंटे बढकर 10-12 तक कैसे पहुंच रहे हैं?
12 घंटे की शिफ्ट को कानूनी करने की कोशिश क्यों? भोजन और शौचालय तक के ब्रेक में कटौती क्यों की जा रही है? हर तरह से मजदूरों को काम की गति तेज करने के लिए विवश क्यों किया जा रहा है?
हर जगह ऑटोमेशन के बाद काम कम और आसान होने के बजाय काम का दबाव बढ़ क्यों रहा है? काम तो आखिर मशीन करती है सब ना, मजदूरों को तो सेठ लोग मटरगश्ती के लिए खैरात में मजदूरी देते हैं?
automation,बेरोजगारी की वजह है मुनाफे के लिए उत्पादन की व्यवस्था। अगर सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए, सबके लिए आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था के लिए उत्पादन को संगठित किया जाए तो काम करने वालों की कमी पड़ेगी, तकनीक को और भी अधिक उन्नत करना होगा।
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