32 साल पुराने मामले में जेल भेजे गए पप्पू यादव, रात 11 बजे कोर्ट खोलकर हुई पेशी
पूरा देश इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। हर तरह हाहाकार मचा हुआ है। इसी बीच बिहार की राजनीति एक अलग रंग दिखा रही है। पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। पप्पू यादव ने खुद ट्वीट कर गिरफ्तार करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि ”मुझे गिरफ्तार कर पटना के गांधी मैदान थाना लाया गया है। मैंने तो लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं किया मैंने तो बिहार में पिछले डेढ़ महीने से लोगों की मदद करने में लगा हूं। मैं जानता हूं कि नीतीश कुमार जी क्या चाहते हैं, क्यों ऐसा करवाया है।” बाद में यह जानकारी सामने आई कि मधेपुरा पुलिस ने पप्पू यादव को गांधी मैदान थाने से 32 वर्ष पुराने मामले में गिरफ्तार किया है। शाम तक मधेपुरा पुलिस की टीम वहां पहुंची और कागजी कार्यवाही पूरी की। इसके बाद शाम 6 बजे के करीब मधेपुरा पुलिस पप्पू यादव को लेकर निकल गई। गौरतलब है कि पिछले दिनों ही पप्पू यादव ने बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के एंबुलेंस को लेकर सवाल उठाया था।
14 दिनों की न्यायिक हिरासत
पुलिस पप्पू यादव को लेकर रात 11 बजे के करीब मधेपुरा कोर्ट पहुंची थी। इस दौरान पटना से मधेपुरा के पूरे रास्ते पप्पू यादव के समर्थक पुलिस के काफिले के साथ जुड़ते गए। मधेपुरा पहुंचते -पहुंचते यह काफिला 30 से अधिक गाड़ियों का हो गया था। वहीं मधेपुरा कोर्ट के बाहर भी पप्पू यादव के समर्थकों का भारी जमावड़ा देखने को मिला। पप्पू यादव को मधेपुरा कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की। उन्होंने पूर्व सांसद को रिमांड टू जेल का आदेश देते हुए न्यायिक हिरासत में बीरपुर (सुपौल) जेल भेजने को कहा।
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के खिलाफ बोलना पड़ा भारी
साफ प्रतीत हो रहा है कि एंबुलेंस विवाद में भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के खिलाफ बोलना पप्पू यादव के लिए भारी पड़ गया है। दो दिनों पहले ही छपरा में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। आज सुबह पटना पुलिस उनके घर पहुंच गई। उन्हें पकड़ कर सीधे गांधी मैदान थाना ले आई। दूसरी तरफ लॉकडाउन उल्लंघन करने और पीएमसीएच के कोविड वार्ड में घूमने के मामले में उनपर मजिस्ट्रेट के बयान पर पटना के ही पीरबहोर थाने में एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
यह है एंबुलेंस विवाद
छपरा के अमनौर में विश्व प्रभा सामुदायिक केंद्र परिसर में दो दर्जन एंबुलेंस खड़ी हुई थीं। इन्हें ढंक कर रखा गया था। यह छपरा के भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी का गांव है। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने इन एंबुलेंस से कवर हटाया था। उन्होंने इसका वीडियो भी पोस्ट किया था। यादव ने कहा था कि सांसद फंड की दर्जनों एंबुलेंस यहां क्यों खड़ी हैं? इसकी जांच होनी चाहिए। जिसके बाद बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने पप्पू यादव को ड्राइवर लाकर सभी एंबुलेंस चलवाने की चुनौती दी थी। जिसके बाद पप्पू यादव अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचे और दावा किया वह इन 40 ड्राइवरों से एंबुलेंस चलवाने के लिए तैयार हैं।
”आखिर मेरा जुर्म क्या है?”
पप्पू यादव के ट्वीटर अकाउंट से उनसे जुड़ी पल-पल की अपडेट आधी रात तक साझा की गई। आधी रात में ट्वीट से सामने आई जानकारी के अनुसार, ”मैं कोविड निगेटिव हूं तो फिर मुझे क्वारन्टीन सेंटर वीरपुर क्यों भेजा गया है? क्या मुझे कोरोना पॉजिटिव कर मेरे सेहत से खिलवाड़ करना है? जब सुप्रीम कोर्ट का गाइडलाइन है कि बहुत आपात स्थिति न हो तो किसी को गिरफ्तार न किया जाय।किसी को जेल न भेजा जाय, तो फिर मुझ पर यह जुल्म क्यों?” वहीं एक और ट्वीट के जरिए पप्पू यादव की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए लिखा गया, ”सुबह के 9 बजे से रात के 1 बजे तक 16 घंटे से मुझे बैठाकर रखा गया है। मैं शुगर का मरीज हूं, पांव की पूर्व में सर्जरी हुई थी। एक माह पहले गॉल ब्लैडर की सर्जरी हुई है। मुझे पूरा आराम करने डॉक्टरी सलाह दी गयी थी। मेरे सारे सहयोगी एक दाना-पानी नहीं पिये हैं। आखिर मेरा क्या जुर्म है?”
सरकार में तकरार
पप्पू यादव की गिरप्तारी के मामले में अलग अलग राय सामने आई है। नीतीश सरकार में दो सहयोगी जीतन राम मांझी और मुकेश साहनी ने पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध किया है। पप्पू की गिरफ्तारी को लेकर विरोध जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा,
”कोई जनप्रतिनिधि यदि दिन-रात जनता की सेवा करे और उसके ऐवज में उसे गिरफ्तार किया जाए ऐसी घटना मानवता के लिए खतरनाक है।”
वहीं नीतीश सरकार में मंत्री मुकेश साहनी ने ट्वीट किया,
”जनता की सेवा ही धर्म होना चाहिए। पप्पू यादव को गिरफ्तार करना असंवेदनशील है।”
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