पुलिस ने अग्निपथ के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को घसीटा, देर रात तक महिलाओं को रखा बंद
शुक्रवार को देश भर के विभिन्न ट्रेड, किसान और मजदूर यूनियनों ने मोदी सरकार की सेना में संविदा भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
इसी के साथ दिल्ली में क्रांतिकारी युवा संगठन (KYS) ने अग्निपथ योजना के खिलाफ जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया।
प्लैकार्ड लेकर खड़े कार्यकर्ताओं को पुलिस ने प्रदर्शन करने से रोकने के लिए घसीटते हुए हिरासत में लिया जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं।
हिरासत में लिए कार्यकर्ताओं को मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया शाम के बाद भी महिलाओं को नहीं छोड़ गया।
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KYS के भीम कुमार ने बताया कि कार्यकर्ता पुलिस की बदसलूकी और अवैध हिरासत के खिलाफ भूख हड़ताल में बैठ गए, जिसके बाद उन्हें रात के करीब 9:15 छोड़ा गया।
उन्होंने बताया कि शांतिपूर्ण रूप से चल रहे इस विरोध प्रदर्शन को किसान और युवा संगठनों द्वारा दिए गए देशव्यापी विरोध दिवस के आह्वान पर आयोजित किया गया था।
जैसा कि ज्ञात है कि अग्निपथ योजना के अनुसार, तीनों सशस्त्र सेवाओं में अनुबंध के आधार पर युवाओं की भर्ती होगी, और साल साल की नौकरी के बाद उनकी बड़ी संख्या को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
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जिन युवाओं को सशस्त्र बलों में स्थायी भर्ती नहीं मिलती है, उन्हें स्थायी सैनिकों की भांति सेवा के बाद मिलने वाला पेंशन आदि कोई लाभ नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के संवैधानिक अधिकार पर हमला कर सरकार देश भर में हो रहे उग्र प्रदर्शनों बढ़ावा दे रही है।
वे केंद्र सरकार की कड़ी भर्त्सना करता है जिसने बड़ी ही बेशर्मी से इस योजना की खूबियाँ गिनाने के लिए सेना अध्यक्षों को नियुक्त किया है। यह पूरी तरह से अभूतपूर्व और शर्मनाक कदम, जो सेनाओं के राजनीतिकरण को खुले तौर पर प्रदर्शित करता है।
इस समस्यापूर्ण और गुमराह करने वाली नीति को लाने वाली मौजूदा सरकार है, और उसे ही जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। न सिर्फ युवाओं ने इस योजना को पूरी तरह से रद्द करने की मांग की है, बल्कि सेवानिवृत्त सेना अधिकारियों द्वारा भी इस योजना को पूरी तरह से युवाओं का भविष्य खराब करने वाली योजना करार दिया जा रहा है।
युवाओं ने इस योजना को पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया है। अग्निपथ योजना के खिलाफ विभिन्न राज्यों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने एक बार फिर बेरोजगारी और केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न सरकारी नौकरियों में लाए जा रहे ठेकाकरण के मुद्दों पर प्रकाश डाला है।
स्थायी नौकरियों की मांगों और उनकी संख्या में वृद्धि की मांगों को पूरे करने के स्थान पर इन्हीं मांगों को पूरी तरह से विभिन्न सरकारें नकारती रही हैं। यही नहीं, केंद्र सरकार ने विभिन्न नीतियों खासकर नए श्रम क़ानूनों द्वारा श्रमजीवी जनता के शोषण को और भी ज्यादा बढ़ाने का काम किया है।
KYS ठेकाकरण के खिलाफ चल रहे युवाओं के आंदोलन के साथ खड़ा है, और संगठन ने अपनी सभी राज्य इकाइयों को निर्देशित किया है कि वो भारत बंद को व्यापक रूप से सफल बनाएँ।
वे देश के युवाओं और दयनीय स्थितियों में काम कर रही व्यापक मेहनतकश जनता को ठेकाकरण और बेरोजगारी के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करता है|
इसके साथ-ही-साथ केवाईएस, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री के इस्तीफ़े की भी मांग की है।
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