वर्कर्स यूनिटी के सहयोग से राजस्थान और हरियाणा के मजदूरों को मिली सैलरी
लॉकडाउन के बीच वर्कर्स यूनिटी के दखल व सहयोग से राजस्थान और हरियाणा के लगभग सौ मजदूरों को फांकाकशी से फिलहाल निजात मिल गई। मजदूरों की जायज समस्या पर संबंधित क्षेत्र के श्रम विभाग ने भी सहयोग किया।
राजस्थान के भीलवाड़ा में सैफरॉन कंपनी के मालिक के ड्राइवर खुशबू मीणा गंभीर संकट से गुजर रहे थे। पत्नी चार माह के गर्भ से होने के बावजूद उनको वेतन नहीं मिला। इस मामले में खुशबू मीणा ने वर्कर्स यूनिटी से सहयोग मांगा, जिस पर खबर प्रकाशित करने के साथ ही कंपनी मालिक से भी बातचीत की गई।
खुशबू मीणा ने वर्कर्स यूनिटी को सूचित किया है कि मालिक ने उनको कर्मचारी मानने के साथ ही आधा वेतन दे दिया है और बाकी भी देने का आश्वासन दिया है। खुशबू मीणा को श्रम विभाग ने भी इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया है।
वहीं, हरियाणा के मानेसर में इकोलाइट कंपनी के लगभग 100 मजदूरों को भी 18 अप्रैल को वेतन मिल गया। कंपनी में 45 मजदूर उत्तराखंड के रहने वाले हैं, जो कंपनी के रोल पर हैं। इसके अलावा ठेका मजदूर हैं। बल्ब बनाने वाली इस कंपनी के मैनेजमेंट ने भी लॉकडाउन बताकर वेतन नहीं दिया।
कंपनी के कर्मचारी रवि सिंह ने बताया कि समस्या के लिए वर्कर्स यूनिटी के साथ ही इंकलाबी मजदूर केंद्र से संपर्क किया था। इसके बाद मामला श्रम विभाग पहुंचा और वहां से मैनेजमेंट पर दबाव बनाया गया, तब वेतन मिल सका।
मानेसर के सेक्टर सात व आठ के श्रम प्रवर्तन अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि अधिकांश वेतन कंपनी ने मजदूरों को मुहैया करा दिया है, अभी कुछ बकाया है, जिसे जल्द दिला दिया जाएगा, मजदूरों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
मानेसर के उप श्रमायुक्त दिनेश कुमार ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में मजदूरों के वेतन आदि की बहुत ज्यादा शिकायतें हैं, जिन्हें सहायक श्रमायुक्त व श्रम प्रवर्तन अधिकारियों के माध्यम से हल कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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