लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर 11 दिन से जारी है प्रदर्शन, छंटनी के शिकार कर्मचारी
कोविड महामारी के भीषण दौर में जनता की जान बचाने वाले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी अब अपनी रोजी-रोटी बचाने के लिए संघर्षरत हैं। लेकिन दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल(LHMC) के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को श्रमायुक्त कार्यालय के निर्देशों के बावजूद काम से निकाल दिया गया है।
इन कर्मचारियों ने ही कोविड के दौरान हज़ारों लोगों की जान बचाई थी और ड्यूटी के दौरान खुद भी संक्रमण के शिकार हुए थे। पूरे कोविड-काल मे वेंटीलेटर, बाइपैप मशीन, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर जैसी तमाम जीवनरक्षक मशीनों को चलाने का ज़िम्मा इन्ही कर्मचारियों ने उठाया है। आज अपने प्रदर्शन के ग्यारहवें दिन कोविड योद्धाओं ने मोमबत्ती जलाकर अपना विरोध प्रकट किया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड महामारी के भीषण दौर में 100 दिन काम करनेवाले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नियमितीकरण में प्राथमिकता देने की बात करते हुए सर्कुलर भी जारी किया था। पर अब केंद्र सरकार कर्मचारियों को पक्का करना तो दूर, कॉन्ट्रैक्ट पर रखने के लिए भी तैयार नही है।
दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल समेत डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी भारी संख्या में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की छटनी हुई है। आज LHMC के बाहर चल रहे प्रदर्शन में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की यूनियन ने भी हिस्सा लिया।
ऐक्टू के राज्य सचिव व अधिवक्ता सूर्य प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार के अधीन आनेवाले संस्थान जिनमे LHMC और RML अस्पताल दोनों शामिल हैं, न तो श्रमायुक्त के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और न ही केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के आदेशों का। ये बहुत खेद की बात है कि केंद्र सरकार के संस्थान मज़दूरों के अधिकारों का हनन करने के लिए, कानून तक तोड़ रहे हैं। केंद्र सरकार ने पहले फूल बरसाकर और अब अचानक नौकरी से निकालकर कर्मचारियों के साथ धोखेबाज़ी की है।
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