महाराष्ट्र : बिना आधार मिड डे मील नहीं

महाराष्ट्र : बिना आधार मिड डे मील नहीं

महाराष्ट्र में शिक्षा विभाग ने एक नया फरमान जारी किया है। इस फरमान के अनुसार अब सरकारी स्कूलों में जब तक बच्चे का आधार लिंक नहीं होगा तब तक उसको मिड डे मील नहीं मिलेगा।

प्रत्येक स्कूल को निर्देश दिया गया है कि नवंबर 22 तक प्रत्येक महीने के अंत तक बच्चों के आधार कार्ड का विवरण भेजा जाये और दिसंबर 22 तक यह काम पूरा कर लिया जाये।

प्रधानाध्यापकों की एसोसियशन के अध्यक्ष महेन्द्र गणपुले ने कहा है कि ऐसा नहीं है कि केवल बच्चों का आधार कार्ड की जानकारी ऊपर भेजी जाएगी बल्कि उसके बाद बच्चों के नामांकन के समय उनके नाम, जन्मतिथि और लिंग का मिलान उनकी नामांकन के समय दी गयी जानकारी से किया जायेगा।

दोनों में कोई भी जानकारी की भिन्नता होने पर आधार को सही नहीं माना जायेगा और छात्र न केवल मिड डे मील से वंचित होगा बल्कि वह अन्य सुविधाओं से भी वंचित हो जायेगा।

एक समय में मिड डे मील योजना का सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में अच्छा-खासा योगदान रहा है लेकिन आज शिक्षा विभाग का आदेश अपनी बारी में स्कूलों में नामांकन को भी प्रभावित करेगा।

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता अधिकतर या तो अनपढ़ होते हैं या फिर कम पढ़े-लिखे होते हैं जिसकी वजह से उनके आधार कार्ड में कुछ गलतियां रह जाती हैं और आदिवासी क्षेत्रों में तो आधार कार्ड बने ही नहीं हैं लेकिन इसका खामियाज़ा बच्चों को उठाना पड़ेगा।

भारी संख्या में बच्चे मिड डे मिल से हो जाएंगे वंचित

महेन्द्र गणपुले के अनुसार राज्य में जिन बच्चों का आधार के साथ नामांकन हुआ है उनकी संख्या 1,89,94,363 है और उसमें से वैध आधार नामांकन केवल 89,29,525 हैं।

साथ ही पूरे राज्य में कुल नामांकन 2,24,50,469 हैं उसमें से 34,56,106 छात्रों के आधार कार्ड उपलब्ध ही नहीं हैं। अब छात्रों कि इतनी बड़ी संख्या न केवल मिड डे मील से वंचित होगी बल्कि अन्य सुविधाओं से भी।

इसके बावजूद शिक्षा निदेशक (प्राइमरी) जो मिड डे मील योजना को देखते हैं, ने स्पष्ट कह दिया है कि एडमिशन के लिए आधार की बाध्यता नहीं है लेकिन सुविधाएं लेने के लिए आधार जरूर चाहिए।

उनका इसके पीछे मकसद है कि कोई भी बच्चा कहीं और से भी सुविधाएं हासिल न कर ले। यानी जो गरीब लोग हैं उनको योजनाओं में भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहरा देना।

साथ ही यह सुप्रीम कोर्ट की उस गाइड लाइन का उल्लंघन भी है कि सरकार आधार को अनिवार्य नहीं कर सकती।

लेकिन सरकार तीन-तिकडम कर आधार को एक तरीके से अनिवार्य कर दे रही है।

(नागरिक अखबार के फेसबुक पेज से साभार)

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WU Team

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