मानेसर: सवाल पूछने पर बेलसोनिका प्रबंधन ने ठेका मज़दूर को निकाला
बेलसोनिका प्रबंधन लगातार ठेका मजदूरों की बिना कारण छंटनियां कर रहा है। कुछ दिनों पहले एक अपरेंटिस वर्कर को निकाल दिया है। वर्कर का आरोप है कि प्रबंधन ने बगैर किसी ठोस वजह के मुझे काम से निकाल दिया है। कुछ भी नहीं बताया गया। कंपनी का गेट बंद कर दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 15 दिन पहले पहले एक ठेका मज़दूर काम के दौरान बेहोश हो गया था। साथ में काम कर रहे मज़दूर उसको प्लांट के अंदर स्थित डिस्पैंसरी में ले गए थे। जहां कुछ देर बाद उनको होश आ गया। मज़दूरों का कहना है कि लाइन पर हार्ड वर्क के कारण वह बेहोश हो गया था।
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इसी मुद्दे पर बेलसोनिका मज़दूरों के एक व्हाट्स एप्प ग्रुप पर चर्चा चल रही थी। जिसमे प्रबंधन के भी कुछ सदस्य मौजूद थे। इसी मुद्दे पर कंपनी से निकाले अपरेंटिस वर्कर ने कमेंट किया था कि क्या हुआ हैं। जिसके तुरंत बाद प्रबंधन के एक सदस्य का फ़ोन आता और उनको धमकाने लगता है।
इस घटना के बाद मज़दूरों का आरोप हैं कि बिना कारण बताए अपरेंटिस वर्कर को काम से निकाला दिया गया हैं।
पीड़ित मज़दूर ने छह महीने पहले ही काम करना शुरू किया था।
गौरतलब है कि बेलसोनिका प्रबंधन ने पहले भी कई ठेका मज़दूरों को बिना कारण बताये काम से निकाला है। बीते कुछ महीने पहले एक गॉर्ड को काम से निकाल दिया था। जब गार्ड ने कारण पूछ तो उसको कोई कारण नहीं बताया गए था। इतना ही नहीं कंपनी में काम करने वाले गार्ड के बेटे को भी काम से निकाल दिया था। प्रबंधन इस हरकतों के खिलाफ बेलसोनिका यूनियन लगातार विरोध करते रही है।
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प्रबंधन ठेका मज़दूरों के साथ लगातार शोषण कर रहा हैं जिसका विरोध करने का अधिकार मज़दूरों के पास नहीं हैं और यदि कुछ अगुवा मज़दूर इसका विरोध करते हैं तो उनको नौकरी से निकाल दिया जाता हैं। इसके पीछे सब से बड़ा कारण यह है कि मज़दूर यूनियन ठेका मज़दूरों को यूनियन की सदस्यता नहीं दे रही हैं और जिन थोड़ी बहुत यूनियनों ने सदस्यता दी हैं उनको विरोध का सामना पड़ता है।
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