मानेसर: नपिनो के अंदर 20 दिनों से जारी ऐतिहासिक हड़ताल ख़त्म, भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हुआ समझौता
By शशिकला सिंह
हरियाण के मानेसर सेक्टर 3 के प्लाट नम्बर 7 में स्थित ‘नपिनो ऑटो एण्ड इलैक्ट्रॉनिक लिमिटेड’ (एटक से संबंद्ध) के 271 महिला और पुरुष मज़दूरों की लगातार 20 दिनों से जारी हड़ताल मंगलवार को खत्म हो गई।
मंगलवार की सुबह से ही कंपनी के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था और एक समय ऐसी स्थिति आ गई थी कि प्रबंधन और प्रशासन हड़ताली मजदूरों को बलपूर्वक कंपनी से बाहर लाते।
लेकिन प्रबंधन, प्रशासन और नपिनो यूनियन के सदस्यों के बीच घंटों चली बैठक के बाद श्रम कानून के तहत आपसी सहमति से हड़ताल खत्म कर दी गई है ।
एटक के यूनियन लीडर अनिल पवार ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि प्रबंधन और हड़ताली मज़दूरों की आपसी सहमति से यूनियन ने सभी मज़दूरों से काम पर वापस आने को कहा गया है।
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40 वर्करों का निलंबन वापस
इस ऐतिहासिक हड़ताल के दौरान कंपनी प्रबंधन ने 40 मज़दूरों को नोटिस भेजकर उनको निलंबित करने की चेतावनी दी थी। कुछ मजदूरों को ये नोटिस मिला था कुछ को नहीं।
प्रबंधन हड़ताल के दौरान निलंबित इन सभी मज़दूरों की कार्यबहाली करने के लिए तैयार हो गया है।
फ़िलहाल अभी तक फैक्ट्री के नोटिस बोर्ड पर ऐसा कोई नोटिस चस्पा नहीं किया गया है।
अनिल पवार का कहना है कि यूनियन की सभी लंबित पुरानी मांगों पर प्रबंधन ने बाद में बात करने का आश्वाशन दिया है।
इसमें सबसे प्रमुख मांगपत्र पर वार्ता का है, जिस पर प्रबंधन बातचीत के लिए तैयार हो गया है।
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मंगलवार का घटनाक्रम
ऑटोमोबाइल इण्डस्ट्री काण्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन (AICWU) के फेसबुक पेज से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार की सुबह भारी पुलिस फोर्स तथा पुलिस की बस, वैन और कम्पनी बसें बाहर बुला ली गई थीं।
प्लांट के बाहर प्रशासन की तरफ़ से तहसीलदार भी पहुँच गए थे। मज़दूरों के प्रतिनिधियों की प्रबन्धक से प्रशासन की मौजूदगी में बातचीत जारी थी।
पिछले बुधवार (29 जुलाई) को नपिनो आटो के मज़दूरों की मांगों के समर्थन में विभिन्न यूनियनों के मंच टी.यू.सी. के द्वारा संस्थान गेट पर की सभा की गई थी।
जब तक सम्मानजनक समझोता नहीं ,आंदोलन जारी रखने का फैसला लिया गया था और 3 अगस्त को प्रदर्शन करके दोबारा उपायुक्त महोदय को ज्ञापन दिया जाना था।
मानेसर स्थित नपिनो ऑटो एण्ड इलैक्ट्रॉनिक लिमिटेड यूनियन के स्थाई मज़दूर 14 जुलाई से लगातार हड़ताल पर थे।
वे रात और दिन प्लांट के अंदर बैठ कर हड़ताल कर रहे थे। पुरुषों के साथ-साथ महिला मजदूर भी कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष कर रही थीं ।
इस दौरान कम्पनी प्रबंधक द्वारा 40 मजदूरों को निलंबित कर दिया था।
कम्पनी प्रबन्धन मजदूरों की हड़ताल तोड़ने के लिए तरह तरह के षड्यंत्र कर रहा था। शौचालय बन्द कर पानी की सप्लाई रोकर मजदूरों की हड़ताल खत्म करवाना चाहता था।
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हड़ताल की वजह?
नपिनो में लंबे समय से मांगपत्र लंबित पड़ा हुआ है और मैनेजमेंट यूनियन की लाख शिकायतों के बावजूद वार्ता करने को तैयार नहीं था।
यह हड़ताल पिछले चार साल से लम्बित सामूहिक मांग पत्र और 6 मज़दूरों के निलम्बन को लेकर शुरू की गयी है।
हड़ताली मज़दूरों का कहना है कि बीते चार सालों से श्रम विभाग इस तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया है।
मज़दूरों के अनुसार नपिनो में मौजूद यूनियन काफ़ी समय से मज़दूरों की मांगों को लेकर संगर्ष करती रहती है। इसके बावजूद प्रबन्धन के सदस्य कभी भी मज़दूरों की समस्याओं को सुनने को राजी नहीं है।
पिछले चार सालों में कम्पनी स्टाफ़ का वेतन हर साल बढ़ाये गये हैं, लेकिन मज़दूरों के वेतन में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
यूनियन के प्रतिनिधियों का कहना है कि श्रम-विभाग भी प्रबन्धन की ही भाषा बोलता है, श्रम-विभाग पिछले चार सालों से मज़दूरों को झूठा आश्वासन दे रहा है।
हड़ताल कर रहे मज़दूरों कि मांग है कि निलंबित किये गए छह मज़दूरों कि कार्य बहाली कि जाये। साथ ही मज़दूरों की सारी लंबित मांगों को जल्द से जल्द से पूरा किया जाये।
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