लॉकडाउन के दौरान मारुति से निकाले गए कैजुअल वर्करों को बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
गुड़गांव में मारुति सुजुकी मज़दूर संघ के नेतृत्व में विभिन्न यूनियनों ने मिनी सचिवालय पर प्रदर्शन कर लॉकडाउन के दौरान निकाले गए कैजुअल और टेंपरेरी वर्करों को बहाल करने की मांग की।
बुधवार को गुड़गांव के उपायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि एमएमआई आटोमोटिव कंपोनेंट इंप्लाइज यूनियन का सामूहिक माँग पत्र लंबित है, साथ ही ठेका मज़दूरों का माँगपत्र लंबित चल रहा है, लेकिन प्रबंधन का रवैया कोरोना महामारी के बाद बदल गया है।
प्रबंधन आपदा का सारा का सारा भार मज़दूरों पर डालकर अपने मुनाफे को बरकरार रखना चाहता है। प्रबंधन स्थाई कर्मचारियों के रोजगार पर हमला कर रही है।
चार सूत्री मांग में कहा गया है कि नवंबर 2019 से चल रही माँग पत्र को जल्द हल कराया जाए, कंपनी से पिछले 10 साल से काम करें ठेका कर्मचारियों को काम पर वापस लिया जाए, आपदा को अवसर में बदलने की घृणित राजनीति द्वारा वर्करों पर किए जा रहे हमलों पर रोक लगाई जाए।
साथ ही इसमें मांग की गई है कि कोरोना महामारी के नाम पर की गई वेतन सुविधाओं में कटौती बंद की जाए व की गई कटौती को वापिस किया जाए।
मानेसर मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन नेमूलभूत सुविधाओं में कटौती का विरोध करते हुए कहा कि कंपनी के 256 निर्दोष साथियों को काम पर वापस लेने की तत्काल कार्यवाही की जाए।
इसके अलावा लॉकडाउऩ के दौरान बड़े पैमाने पर मारुति के मानेसर प्लांट से निकाले गए कैजुअल और टेंपरेरी कर्मचारियों को काम पर वापस बुलाने की मांग की गई।
पुराने कैजुअल साथियों को निकालकर टेम्परेरी वर्कर लिए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में सुधार करते हुए पुराने कैजुअल साथियों को नौकरी पर बहाल किया जाए जो कि कोरोना पीरियड में निकाल दिए गए हैं।
- मारुति का गुड़गांव प्लांट बंद होगा, 1000 एकड़ ज़मीन देख रही कंपनी
- मारुति आंदोलन पर बनी फ़िल्म ‘फ़ैक्ट्री’ दिखाती है कि लड़ना ही एकमात्र रास्ता है
पॉवरट्रेन से निकाले गए वर्करों की बहाली की मांग
मारुति सुजुकी पॉवरट्रेन इम्पलाइज यूनियन द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि लॉकडाउन में जिन कैजुअल वर्करों को निकाला गया है उन्हें बहाल किया जाए।
यूनियन का कहना है कि लॉकडाउन के कारण वर्कर घर चले गए थे या यातायात की सुविधा नहीं मिल पाने के कारण उन्हें कंपनी में आने में दिक्कत हो रही थी और अब उन्हें निकाल दिया गया है और उनकी जगह पर नए कैजुअल कर्मचारी भर्ती कर दिए गए हैं।
यूनियन ने माँग की है कि जल्द से जल्द उन सभी कर्मचारियों को कार्य पर वापस लिया जाए जिन्हें लॉकडाउन पीरियड में निकाल दिया गया है। साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले कर्मचारियों को कोरोना के नाम पर परेशान करना बंद किया जाए।
सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया एम्पलाइज यूनियन गुड़गांव ने संस्थान में प्रबंधन द्वारा श्रमिकों को बेवजह परेशान करने के बारे में ज्ञापन दिया, जिसमें कोरना महामारी के बाद प्रबंधन के बढ़ते मज़दूर विरोधी रवैया पर क्षोभ प्रकट किया गया।
इसी के साथ कोरोना की आड़ में अस्थाई मजदूरों को निकाल देने इस अस्थाई श्रमिकों के वेतन में सालाना वृद्धि नहीं करने, उनके वेतन में कटौती करने आदि की समस्याएं उठाई गई और तत्काल हस्तक्षेप करके समाधान निकालने की माँग की गई।
वहीं मारुति उद्योग कामगार यूनियन, गुड़गांव की ओर से कहा गया है कि पुराने कैजुअल वर्करों को निकालकर टेंपरेरी वर्कर लिए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में प्रक्रिया में सुधार करते हुए पुराने कैजुअल साथियों को नौकरी पर बहाल किया जाए, जो कि लॉकडाउन में निकाल दिए गए हैं।
साथ ही साथ टाइम पीरियड के नाम पर दूसरे राज्य वाले वर्करों को काफी परेशानी हो रही है। इसके अतिरिक्त उनको अतिरिक्त छुट्टियां लेनी पड़ रही है।
इन सारी समस्याओं को प्रशासन सुलझाने के लिए आगे आए और कैजुअल साथियों को नौकरी से ना निकाला जाए।
प्रदर्शन में मारुति सुजुकी गुड़गांव से एमएसएमएस के प्रधान राजेश शर्मा, टोनी, वरुण; मुंजाल शोवा गुड़गांव से सुरेन्द्र जांगड़ा; सुजुकी बाइक खेड़कीदौला से अमित पाढ़ा, जगपाल, सुभाष जांगड़ा; मारुति पावर ट्रेन मानेसर से संदीप, सुभाष; मारुति मानेसर से पवन लठवाल; एफ़एमआई मानेसर से सज्जन, विजेंदर राठी; बेलसोनिका मानेसर से अतुल, जसबीर, मोहिंदर, अजित, राजेश, मुकेश, अरविंद, राजपाल रावल शामिल रहे।
- वर्कर्स यूनिटी को आर्थिक मदद देने के लिएयहां क्लिककरें
- वर्कर्स यूनिटी के समर्थकों से एक अर्जेंट अपील, मज़दूरों की अपनी मीडिया खड़ी करने में सहयोग करें
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसकेफ़ेसबुक, ट्विटरऔरयूट्यूबको फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिएयहांक्लिक करें।)