दिल्ली नगर निगम की नर्सों को दो महीने से नहीं मिली सैलरी
इंटरनेशनल नर्स डे के अवसर पर पूरे देश में नर्सिंग स्टाफ को आभार व्यक्त किया गया। कोरोना काल में जिस तरह से नर्सें लोगों की दिन रात मदद कर रही हैं वह सराहनीय है। इसी कड़ी में नॉर्थ एमसीडी (मुंसिपल कॉरपोरेशन ऑफ डेली) ने भी अपने स्टॉफ का सम्मान करने की पहल की। हालांकि अस्पताल में काम कर रहीं नर्सों ने कहा कि उन्हें पहले अपनी सैलरी चाहिए जो पिछले दो महीने से नहीं मिली है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार निगम के अस्पतालों के नर्सों और डॉक्टर्स की सैलरी पिछले दो-तीन महीने से नहीं दी गई है। नर्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष इंदू जामवाल ने इस बारे में कहा, ”नर्सों का सम्मान हो रहा है वह काफी अच्छा है। लेकिन इससे पहले प्रशासन को यह समझना चाहिए कि इनके लिए सबसे जरूरी चीज इनकी सैलरी है जो इन्हें वक्त पर मिलनी ही चाहिए। कोई भी प्रोत्साहन उसके बाद आता है। मुझे अप्रैल में कोविड हुआ था और अब में कोविड अस्पताल में काम कर रही हूं। हम सैलरी के लिए प्रदर्शन कर-कर के थक चुके हैं। नैतिक आधार पर इस आपदा के समय में हम हड़ताल पर भी नहीं जा सकते हैं। हमें कोविड अस्पतालों में काम करने से कोई दूरेज नहीं है। लेकिन हमें कम से कम समय पर सैलरी मिलनी चाहिए। हमें पिछले तीन महीनों से सैलरी प्राप्त नहीं हुई है।” बता दें कि नॉर्थ एमसीडी में कम से कम 1,000 सीनियर डॉक्टर, 500 रेजिडेंट डॉक्टर और 1,500 नर्सिंग ऑफिसर कार्यरत हैं।
ऐसी दर्जनों नर्सें हैं जिनकी हालत काफी खराब है। आपदा में एक तरफ वे समाज के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर काम कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ महीनों से सैलरी नहीं मिलने के चलते उन्हें अपने परिवार का ख्याल रखने में दिक्कत हो रही है। इस दौरान इनमें से कई नर्सों के परिवारों को भी कोविड हो गया और काफी कठनाइयों के साथ उन्होंने उस वक्त को पार किया।
नर्सों के अनुसार यह सब भाजपा शासित एमसीडी और आप शासित एमसीडी के आपसी राजनीति के चलते हो रहा है। तीन कॉर्पोरेशन ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वे उन्हें फंड का सही हिस्सा नहीं दे रहे हैं। वहीं सरकार ने एमसीडी पर फंड के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है। नॉर्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश का कहना है कि दिल्ली सरकार ने पहली तिमाही के नगर निकाय के फंड को रोक रखा है, जिसके कारण सैलरी में देरी हुई है। ”आप” को पता है कि अगले साल एमसीडी चुनाव है इसलिए वे ये सब राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं।
”आप” के एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी को बार-बार वेतन न देने के लिए अदालत द्वारा फटकार लगाई गई है। वे बहाने के तौर पर सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ रहे हैं। अगर वे एमसीडी नहीं चला सकते हैं तो उन्हें यह छोड़ देना चाहिए।
वहीं हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ सागर दीप ने कहा कि डॉक्टरों को भी दो महीने से अधिक समय की सैलरी नहीं मिली है।
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