मज़दूर की शिकायत, मीनाक्षी पॉलीमर्स ने मज़दूरों को नहीं दिया फ़रवरी, मार्च का ओवरटाइम

मज़दूर की शिकायत, मीनाक्षी पॉलीमर्स ने मज़दूरों को नहीं दिया फ़रवरी, मार्च का ओवरटाइम

By खुशबू सिंह

हरियाणा के गुड़गांव स्थित मीनाक्षी पॉलीमर्स प्राइवेट लिमिटेड ने “ओवर टाइम” का वेतन मज़दूरों को नहीं दिया है।

कंपनी फ़रवरी, मार्च का “ओवर टाइम” का वेतन उन मज़दूरों को नहीं दे रही है जो लोग कंपनी पहुंचने में असमर्थ हैं।

प्रबंधन पलायन कर चुके मज़दूरों पर कंपनी आने के लिए दबाव बना रहा है। मीनाक्षी पॉलीमर्स में बतौर एच.आर की पद पर काम कर रहे  प्रवीन कुमार ने वर्कर्स यूनीटि से कहा, “जब तक मज़दूर कंपनी नहीं आएंगे तब तक उन्हें ओवर टाइम का वेतन नहीं मिलेगा। ”

इसी कंपनी में एक साल से ठेके पर काम कर रहे बालमुकुंद कुशवाहा ने हमें बताया, “मीनाक्षी पॉलीमर्स  में तकरीबन 500 सौ मज़दूर काम करते हैं। लॉकडाउन के कारण जो मज़दूर अपने गृहराज्य चले गए हैं। कंपनी उन्हें फरवरी, मार्च का ओवर टाइम का वेतन नहीं दे रही है। ”

उन्होंने ने आगे कहा, “प्रबंधन लगातार हम पर कंपनी आने के लिए दबाव बना रहा है। अगर हम वेतन लेने के लिए कंपनी नहीं पहुंचे तो वो वेतन का भुगतान नहीं करेंगे।”

कुशवाहा ने बताया “अचानक लॉकडाउन की घोषणा के कारण मैं अपने गांव झांसी आगया हूं। दो महीने से आमदनी का साधन बंद है। सोचा कंपनी से ओवर टाइम का बकाया पैसा मिल जाएगा तो कुछ दिन खर्च चल जाएगा। पर प्रबंधन कंपनी बुला रहा है, वेतन लेने के लिए। मैं यहां से कैसै जाउं, हमारे गांव में बस नहीं चल रही है।”

मुकुंद कुशवाहा हरियाणा के बिनौला में 3200 सौ में किराए का कमरा लेकर अपने दो साथियों के साथ रहते हैं। महीने का 13 हज़ार कमा लते हैं। पर लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी से गुज़र रहे हैं।

वेतन के मसले पर हमने मीनाक्षी पॉलीमर्स के एच.आर प्रवीन कुमार से बात की तो उनका कहना था, “ वेतन किस को कब देना है, ये प्रबंधन तय करता है। ओवर टाइम का वेतन लेने के लिए मज़दूरों को साइन करना पड़ेगा। इसीलिए हम उन्हें डिजिटल पेमेंट नहीं कर सकते हैं। मज़दूरों को कंपनी आकर वेतन लेना पड़ेगा।”

इसके पहले हीरो मोटर कार्प ने अप्रैल महीने का वेतन उन्हीं मज़दूरों को दिया था, जो लोग 10 मई को कंपनी में मौजूद थे और मई महीने का वेतन तो अभी तक नहीं दिया है।

हीरो मोटर कार्प के कई मज़दूरों ने दावा किया  है कि ‘अधिकतर मज़दूर लॉकडाउन के कारण अपने गांव चले गए हैं, पर कंपनी प्रबंधन उन्हें फोन कर काम पर लौटने को कह रहा है।’

मीनाक्षी पॉलीमर्स प्राइवेट लिमिटेड, मोटर गाड़ियों के पार्टस बनाने का काम करता है।

गौरतलब है 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा करते समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की थी कि, किसी भी कर्मचारी का वेतन कोई भी नियोक्ता न काटे। पर यहां पर तो कई कंपनियां लॉकडाउन के पहले का वेतन मज़दूरों को नहीं दे रही है।

हालांकि सरकार अब अपने ही किए हुए वादे से मुकर गई है। 4 जून को वेतन को लेकर सुनवाई के दौरान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस वादे से पीछे हट गई।

सरकार ने कहा, ‘जब लॉकडाउन शुरू हुआ था, तब कर्मचारियों के काम वाली जगह को छोड़कर अपने गृहराज्यों की ओर पलायन करने से रोकने की मंशा के तहत अधिसूचना जारी की गई थी। लेकिन अंततः ये मामला कर्मचारियों और कंपनी के बीच का है और सरकार इसमें दखल नहीं देगी।’

सीटू के जनरल सेक्रेटरी तपन सेन ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान श्रम क़ानूनों में संशोधन मज़दूरों के ख़िलाफ़ मोदी सरकार की ओर से जंग का ऐलान है।

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Workers Unity Team