अभी मज़दूर घर भी नहीं पहुंचे कि मोदी सरकार उन्हें लाने के लिए श्रमिक ट्रेन चलाने की सोच रही

अभी मज़दूर घर भी नहीं पहुंचे कि मोदी सरकार उन्हें लाने के लिए श्रमिक ट्रेन चलाने की सोच रही

लॉकडाउन के कारण पूरे देश में आंतरिक विस्थापित प्रवासी मज़दूरों को बड़े पैमाने पर बेरोज़गार होना पड़ा है। ये मज़दूर अभी भी घर जाने की जद्दोजहद कर रहे हैं।

लेकिन मोदी सरकार प्रवासी मज़दूरों को औद्योगिक क्षेत्रों में वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेन शुरू करने पर अभी से विचार कर रही है।

इस संबंध में केंद्रीय राज्यमंत्री (वित्त) अनुराग ठाकुर ने मज़दूरों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाए जाने की बात कही है।

रेलवे के अनुसार, अब तक 50 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को श्रमिक ट्रेनों से घर पहुंचाया गया है। जबकि एक अनुमान के अनुसार देश भर में प्रवासी मज़दूरों की संख्या 14 करोड़ है।

अनुराग ठाकुर ने कहा है कि अगर मज़दूर नहीं रहेंगे तो काम नहीं होगा और अर्थव्यवस्था की गाड़ी ऐसे में रुकी रहेगी।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन मजदूरों को वापस लाने के लिए सरकार स्पेशल ट्रेन चलाएगी।

उन्होंने इंडस्ट्री के लोगों से अपील की है कि वे अपने यहां काम करने वाले मजदूरों से संपर्क में रहें। जैसे-जैसे लॉकडाउन से राहत मिलती जाएगी, उन्हें वापस लाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि चौथे लॉकडाउन के बाद सरकार ने एक जून से चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को हटाने का निर्देश जारी किया है।

31 मई को मोदी सरकार की ओर से आए निर्देश में लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ा दिया गया है लेकिन साथ ही उद्योगों को उत्पादन की छूट भी दे दी गई है।

जबकि इस समय कोरोना के मरीज़ों की संख्या देश में दो लाख के पार हो गई है और पूरी दुनिया में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित देशों में भारत सातवें स्थान पर पहुंच गया है।

भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या पांच हज़ार के आस पास है। और मोदी सरकार के लॉकडाउन के फैसले की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हो रही है।

कहा जा रहा है कि जब पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ रहा था, मोदी नमस्ते ट्रंप का आयोजन कर रहे थे और मध्य प्रदेश में सरकार पटलने में लगे रहे।

जब महज देश में चंद कोरोना संक्रमण के मामले थे, कड़े लॉकडाउऩ की घोषणा कर दी गई, लेकिन जब देश में कोरोना मामलों की संख्या दो लाख पार हो गई है, लॉकडाउऩ हटाया जा रहा है।

अभी कुछ विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर उनके निर्णयों की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि महामारी के विशेषज्ञों से बिना राय लिए ही मोदी ने मनमाने तरीक़े से लॉकडाउऩ की घोषणा कर दी।

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Workers Unity Team