मोदी सरकार मेहरबान, 5 सालों में पूंजीपतियों के 10 लाख करोड़ माफ किए

मोदी सरकार मेहरबान, 5 सालों में पूंजीपतियों के 10 लाख करोड़ माफ किए

मोदी सरकार ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों में पूंजीपतियों के लगभग 10 लाख करोड़ रुपये तक का कर्ज माफ किया गया। वित्त राज्यमंत्री भागवत किशन कराड ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान बट्टे खाते में डाली जाने वाली राशि 1,57,096 करोड़ थी। जबकि इसके एक वर्ष पहले यह राशि 2,02,781 करोड़ थी।

केंद्र सरकार ने 5 सालों में पूंजीपतियों 2019-20 में 2,37,170 करोड़ और 2018-19 में 2,36,265 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले गए।

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2017 18 में बट्टे खाते में डाली जाने वाली राशि 1,61,328 करोड़ रुपये थी। इस तरह बैंकों ने 2017-18 से 2021-22 तक 9,91,640 करोड़ रुपये की राशि बट्टे खाते में डाली।

वित्त राज्यमंत्री ने इस दौरान विलफुल डिफाल्टरों (जानबूझ ऋण नहीं लौटाने वाले) का आंकड़ा भी साझा किया। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान ऐसे लोगों की संख्या 10,306 है।

चीन की तीन कंपनियों को नोटिस

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि सरकार चीन की तीन मोबाइल फोन कंपनियों Oppo, Vivo India और xiaomi द्वारा कथित कर चोरी का आरोप लगाया है साथ ही मामलों की जांच कर रही है।

उन्होंने बताया कि इन सभी सम्बंधित कंपनियों को नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआइ) ने Oppo को 4,389 करोड़ के सीमा शुल्क के लिए नोटिस जारी किया है। अनुमान के अनुसार कर अपवंचना लगभग 2,981 करोड़ की है।’

उन्होंने कहा, ‘वे स्वेच्छा से, 450 करोड़ रुपये जमा करने आगे आए हैं, जो 4,389 करोड़ की मांग की तुलना में काफी कम है।’ उन्होंने कहा कि xiaomi ने मात्र 46 लाख और Vivo India ने 60 करोड़ जमा किए हैं।

कुछ बड़े विलफल डिफाल्टर है जिनके जानकारी वित्त राज्यमंत्री ने संसद में दी पेश की है।

किनपर मोदी सरकार मेहरबान

कंपनी                                                                                                               बैंकों का बकाया रुपया

गीतांजलि जेम्स लिमिटेड                                                                               7,110 करोड़

एरा इन्फ्रा इंजीनियरिंग                                                                                   5.879 करोड़

कानकास्ट स्टील एंड पावर आरइआइ                                                        4,107 करोड़

एग्रो लिमिटेड                                                                                                      3,984 करोड़

एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड                                                                               3,708 करोड़

फ्रास्ट इंटरनेशनल लिमिटेड                                                                           3, 108 करोड़

विनसम डायमंड्स एंड ज्वैलरी                                                                       2,671 करोड़

रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड                                                                 2,481 करोड़

कोस्टल प्रोजेक्ट्स लिमिटेड                                                                             2.311 करोड़

कुडोस केमी                                                                                                         2.082 करोड़

गौरतलब है कि जब देश को आर्थिक रूप से कमज़ोर बताने वाली मोदी सरकार पैक्‍ड फ़ूड जैसे गेहूं आटा, पापड़, पनीर, दही, शहद, छाछ, आदि पर अब 5 फीसदी GST लागु कर जनता कि जब पर हाथ डालना चाहती है।

वही दूसरी तरफ इतनी बड़ी मात्रा में पूंजीपतियों के कर्ज को माफ कर देना केंद्र सरकार की नीतियों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर देता है।

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WU Team

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