नीमराना डाइकिन: कांग्रेसी राज्य में कांग्रेसी यूनियन को भी नहीं मिली गेट मीटिंग की इजाज़त
राजस्थान के नीमराना स्तिथ डाइकिन प्लांट में कई सालों से डाइकिन प्रबंधक और डाइकिन यूनियन के बीच विवाद चल रहा है। जिसको लेकर काफी बार मजदूरों द्वारा प्रबंधक से बात करने की कोशिश की गई लेकिन प्रबंधक हर बार मना कर देता है।
बीते शुक्रवार को डाइकिन एयरकंडीशनिंग मजदूर यूनियन और इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) द्वारा डाइकिन कंपनी गेट पर मीटिंग करना की योजना बनाई थी। मज़दूर यूनियन का कहना है कि प्रबंधक द्वारा आज तक यूनियन सदस्यों से कोई भी बात नहीं की गई और ना ही किसी प्रकार की चर्चा हेतु बुलाया गया। इतना ही है बीते 5 – 6 अक्टूबर को प्रबंधन के कहने पर पुलिस ने यूनियन बॉडी मेम्बर्स को आगामी छह महीने के लिए किसी भी प्रकार की बैठक करने के लिए पाबंद(मना करना) कर दिया है।
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डाइकिन मज़दूर कामगार यूनियन के महासचिव और अलवर संघर्ष समिति के स्टेट प्रेसिडेंट महमोहन सिंह ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि इस भी विवादों के संबंध में मज़दूर यूनियन ने इंटक से साथ मिल कर अपनी मांगों का एक पत्र DM को सौंपा था। जिस दौरान यूनियन प्रतिनिधियों से लगभग 2 घंटे वार्ता की गई। जिसमें स्थानीय प्रशासन द्वारा मज़दूरों को मीटिंग न करने हेतु राय दी गई और एसडीएम महोदय नीमराना द्वारा गेट मीटिंग करने की तारिक निश्चित की है।
उन्होंने बताया की एसडीएम महोदय नीमराना द्वारा कल (10/10/2022) सुबह 10:00 बजे गेट मीटिंग का समय दिया गया है।
क्या है मज़दूरों की समस्या
डाइकिन एयरकंडीशनिंग मजदूर यूनियन पिछले कई सालों से मज़दूरों हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर प्रबंधन से बातचीत करना चाहती है।
यूनियन का आरोप है कि प्रबंधक द्वारा निरंतर मजदूरों को कंपनी के अंदर अतिरिक्त काम के लिए बोला जाता है और कोई भी सुख सुविधाएं नहीं दी जा रही है।
उनका कहना है कि काम के दौरान जो सुरक्षा उपकरण मज़दूरों को दिए जाते हैं उनमें भी भारी कटौती की जा रही है। मज़दूरों को मिलने वाली ड्रेस नहीं दी जा रही है ना ही जूते दिए जा रहे हैं 2 साल में एक बार ड्रेस दी जा रही है। सर्दी के लिए भी कोई अच्छे कपड़े नही दे रहे हैं। और यदि मज़दूर सिविल ड्रेस में प्लांट जाते हैं तो जिनको इसका भुगतान करना पड़ता है।
यूनियन का कहना है कि कंपनी प्रबंधक द्वारा स्थानीय प्रशासन की अगुवाई में मजदूरों को कंपनी के अंदर पुलिस द्वारा डराया और धमकाया जा रहा है और झूठे मुकदमे दर्ज करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है।
जानिए क्या है पूरा मामला
डाइकिन प्लांट के 45 निलंबित मज़दूरों पर एकतरफा कार्रवाई करते हुए मैनेजमेंट ने बर्खास्त कर दिया है। यूनियन को मान्यता देने को लेकर 2019 में मजदूरों की रैली पर लाठी चार्ज और पथराव के बाद इन्हें निलंबित कर दिया गया था।
यूनियन का आरोप है कि बीते जून के महीने में डाइकिन एयर कंडीशनिंग मैनेजमेंट ने 45 निलंबित मज़दूरों को बिना किसी ठोस इंक्वायरी के एकतरफा कार्रवाई करते हुए निष्कासित कर दिया था।
बर्खास्त मज़दूरों की कार्य बहाली के मसले पर डाइकिन मज़दूर यूनियन ने हज़ारों बार प्रबंधन से बात करने का प्रयास किया है लेकिन हर बार मज़दूरों के हाथ निराशा ही लगती रही।
इतना ही नहीं बीती 7 जुलाई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत डाइकिन के नीमराना प्लांट में उद्योगपतियों से मीटिंग करने आए थे। इसी दौरान डाइकिन मज़दूर कामगार यूनियन ने भी पत्र के माध्यम से एक बैठक करने की मांग की थी जिसका जवाब अभी तक नहीं आया।”
डाइकिन प्लांट में अभी भी मज़दूरों की छंटनी लगातार जारी है। मज़दूरों के साथ शोषण की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। और यदि कोई भी मज़दूर संगठन इन मुद्दों पर मीटिंग या प्रदर्शन करने की योजना बनाता है तो उसको सस्पेंड करने दी धमकी दी जाती है। साथ ही प्रबंधन मज़दूरों की छोटी छोटी गलतियों को तलाश कर उनको नोटिस थमा रहा है।
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गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेसी राज्य में कांग्रेसी यूनियन को भी नहीं मिली गेट मीटिंग की इजाज़त नहीं दी जारही है। डाइकिन एयरकंडीशनिंग मजदूर यूनियन अपनी समस्याओं को लेकर कई बार अलग अलग केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से संबद्ध हुई। अभी कुछ महीनों पहले यूनियन ने कांग्रेस से संबंधित यूनियन इंटक से संबद्ध हुई और श्रम मंत्री भी नीमराना में जनसुनवाई कर चुके हैं।
(स्टोरी संपादित शशिकला सिंह)
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