New Labour Code: 1 अक्टूबर से 12 घंटे करना होगा काम, पीएफ व रिटायरमेंट में भी बड़ा बदलाव
देश के करोड़ों नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खबर है। उनके काम के घंटे से लेकर वेतन सबकुछ में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। देशभर में एक अक्टूबर से नया वेतन कोड लागू होने जा रहा है।
हालांकि इसे 1 अप्रैल से लॉन्च किया जाना था, लेकिन इसमें देरी हुई। हालांकि नए नियम अक्टूबर से लागू होने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि काम के घंटे आठ घंटे से बढ़कर 9-12 घंटे हो सकते हैं। इसके अलावा, यह ज्ञात है कि वेतन संरचना में बदलाव होगा।
1 अक्टूबर से इस नए नियम से कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सैलरी या टेक होम सैलरी थोड़ी कम होने की संभावना है। इतना ही नहीं वर्क टाइम, ओवरटाइम या ओवरटाइम वर्क, ब्रेक टाइम भी बदला जा रहा है।
हालांकि इस समय पूरे मामले को लेकर बैठकें हो रही हैं। श्रम मंत्रालय का दावा है कि नया कानून मजदूरों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। हालांकि मजदूर संगठनें इसका शुरू से विरोध कर रही हैं।
वेतन संहिता, 2019 के अनुसार किसी कर्मचारी का मूल वेतन सीटीसी या कंपनी द्वारा भुगतान की गई कुल राशि के 50 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए। कई कंपनियां अभी भी बहुत कम मूल वेतन और उच्च भत्ते दिखाती हैं और इससे कंपनी पर दबाव कम होता है। लेकिन इस बार श्रम मंत्रालय नियमों में कुछ बदलाव करने जा रहा है।
मसौदे में नए कानून के मुताबिक अब से अगर कोई 15 से 30 मिनट तक अतिरिक्त काम करता है तो वह समय आधा घंटा माना जायेगा और कंपनियों को ओवरटाइम देना होगा। नया कानून यही कहता है।
मौजूदा नियमों के मुताबिक 30 मिनट से कम समय के लिए ओवरटाइम की जरूरत नहीं थी। लेकिन नया कानून उस मामले में ओवरटाइम देने की बात कहता है। इतना ही नहीं कोई भी कंपनी किसी कर्मचारी से लगातार पांच घंटे से ज्यादा काम नहीं करवा सकती है। पांच घंटे काम करने के बाद उन्हें 30 मिनट का ब्रेक लेना होता है।
पता चला है कि वेतन ढांचे में भी बदलाव होगा। मजदूरों को मिलने वाली वेतन की राशि भले ही छोटी ही क्यों न हो। क्योंकि मूल वेतन में बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों के पीएफ में और कटौती होगी।
पीएफ के अलावा ग्रेच्युटी के मामले में भी राशि बढ़ जाएगी। नतीजतन, एक कर्मचारी द्वारा प्राप्त वेतन की राशि कुछ हद तक कम होने की उम्मीद है। हालांकि कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद बड़ी रकम मिलेगी। असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नए नियम लागू किए जा रहे हैं। सैलरी और बोनस से जुड़े नियमों में कई बदलाव होंगे।
(साभार-बंगाल मिरर)
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