सिंगापूर: प्रवासी मजदूरों को अपने हॉस्टल से बाहर निकलने के लिए अब नहीं लेना होगा पास
सिंगापूर के प्रवासी मजदूरों को 24 जून से अपने डॉर्मिटरी यानि हॉस्टल से बाहर निकल कर सामुदायिक जगहों पर जाने के लिए कोई पास नहीं लेना पड़ेगा।
हालांकि उन्हें रविवार या किसी भी सार्वजनिक छुट्टी के दिन चार चिन्हित प्रसिद्ध सामुदायिक जगहों पर जाने के लिए पास लेने होंगे।
Channel News Asia की खबर फिलहाल उन्हें अपनी डॉर्मिटरी के बाहर किसी भी सामुदायिक जगह पर जाने के लिए पास लेना पड़ता है।
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सिंगापूर के स्वास्थ्य मंत्रालय को शुक्रवार को कहा कि चार लोकप्रिय सामुदायिक जगह — चाइनटाउन, गेलांग सराय, जूरोंग ईस्ट और लिटिल इंडिया — पर भीड़ को मैनेज करने लिए उपाय किये जाएंगे।
अब प्रवासी मजदूरों को 24 जून के बाद से इन जगहों पर जाने के लिए पहले से पास के लिए अर्जी देनी होगी।
हर रविवार या छुट्टी के दिन 80,000 पास जारी किये जाएंगे जिसमें शुरुआत में लिटिल इंडिया के लिए 30,000, जुरोंग ईस्ट के लिए 20,000 और गेलांग सराय और चाइनाटाउन के लिए 15-15,000 पास जारी किये जाएंगे।
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दूसरे दिन या जगहों के लिए नहीं पास
रविवार और छुट्टियों के अलावा किसी भी दिन इन जगहों पर जाने के लिए पास नहीं लेने होंगे।
इन चार जगहों के अलावा सिंगापूर में किसी भी दिन कहीं भी जाने के लिए पास की जरूरत नहीं होगी।
इससे पहले 26 अप्रैल को डॉर्मिटरी से बाहर निकलने के लिए जारी किये जाने वाले पास की संख्या बढ़ाकर हफ्ते के बाकी दिनों के लिए 25,000 और शनिवार-रविवार और छुट्टियों के लिए 50,000 की गई थी।
नहीं कराना होगा कोरोना टेस्ट
जिन प्रवासी मजदूरों को कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी है, उन्हें भी डॉर्मिटरी से बाहर निकलने के लिए पास की इजाजत दे दी गई है।
अब उन्हें हर बार बाहर निकलने के लिए रैपिड ऐन्टिजेन टेस्ट नहीं करवाना पड़ेगा।
स्वास्थ मंत्रालय ने कहा स्थानीय कोरोना केसों की संख्या औसतन 3000 प्रति दिन है और कोरोना-साबंधी मरीजों की अस्पताल में भर्ती की संख्या औसतन 300 प्रति दिन से कम है।
वर्तमान हाल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ओमीक्रॉन वेव के चरम पर 1700 मरीज प्रति दिन भर्ती हो रहे थे।
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