हरियाणा में विधायक-सांसदों का विरोध नहीं कर पायेगा कोई, खट्टर सरकार ने लाया विधानसभा में प्रस्ताव
हरियाणा विधानसभा में खट्टर सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार के समर्थन में मतदान करने वाले विधायकों के खिलाफ किसानों के बढ़ते रोष से हरियाणा सरकार सकते में है।
विधायकों के खिलाफ आम जनता में रोष इतना बढ़ गया है कि उनके क्षेत्र में आने पर पांबदी लगा दी गई है। पूरे प्रदेश में विधायकों का भारी विरोध किया जा रहा है।
विधायकों के खिलाफ बढ़ते विरोधों को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा के समक्ष एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें कहा गया है कि अगर समाज या संगठन का कोई भी वर्ग किसी भी राजनीतिक नेता के बहिष्कार की घोषणा करता है, तो सदन ऐसे निर्णय की निंदा करेगा।
खट्टर ने यह भी प्रस्ताव दिया कि अगर आवश्यक हो, तो प्रस्ताव पर मतदान किया जाना चाहिए। जिसके बाद यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हुआ। भारतीय जनता पार्टी और निर्दलीय सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों को एक सामूहिक जिम्मेदारी साझा करनी चाहिए।
विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्पष्ट किया कि कोई भी कांग्रेस विधायक राजनीतिक नेताओं का बहिष्कार करने के लिए समाज के किसी भी संगठन या वर्ग को नहीं उकसा रहा था। हालांकि मतदान के दौरान कांग्रेस सदस्यों ने वाकआउट किया।
बता दें कि हरियाणा में किसान आंदोलन के चलते बड़े पैमाने पर नेताओं का विरोध हो रह है। लोग खासकर सत्ता पक्ष के नेताओं को गाँव में घुसने तक नहीं दे रहे हैं और कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
( इंडिया डॉट कॉम की खबर से साभार)
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)