गुजरात में फंसे वर्करों को लाने के लिए ओडिशा सरकार बसें भेजेगी, यूपी, छत्तीसगढ़ भी तैयार
ओडिशा सरकार ने गुजरात में अपने राज्य के फंसे हुए मज़दूरों को वापस लाने का फैसला किया है।
रविवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी से इस संबंध में बात की और लॉकडाउन के दौरान मज़दूरों को वापस लाने की योजना पर चर्चा की।
असल में रविवार को नवीन पटनायक, विजय रुपानी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए बातचीत हुई।
इसमें ये तय किया गया कि मज़दूरों को लाने की योजना बनाने के लिए दोनों राज्यों के दो वरिष्ठ आईएएस अफ़सरों की एक तालमेल कमेटी बनेगी।
पहले चरण में कुछ वर्करों को बस से लाया जाएगा, जबकि बात में स्थिति का अंदाज़ा लेने के बाद जल मार्ग या रेल मार्ग से लाने पर विचार किया जाएगा।
ऐसी भी ख़बर है कि ओडिशा सरकार इसी तरह महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों से भी वार्ता चला रही है और इन राज्य सरकारों से ये अपील की जाएगी कि मज़दूरों को गुजरात से ओडिशा लाने के दौरान वो रोड टैक्स न वसूलें।
इससे पहले, ओडिशा सरकार ने आने वाले वर्करों के लिए रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बना दिया है और इन्हें 14 दिन तक सरकारी कैंपों में क्वारेंटीन में रहना होगा।
हाल ही में कोविड-19 की महामारी से निपटने के लिेए नवीन सरकार ने एक आदेश जारी कर पंचायतों के सरपंचों को कलेक्टर की पॉवर दे दी है।
ओडिशा के लेबर कमिश्नर ने ट्वीट कर बताया है कि राज्य में कुल 2610 कैंप बनाए गए हैं जिनमें 87,000 वर्करों को रखा गया है। ये सभी मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के हैं।
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