स्मृति ईरानी के उद्घाटन के 8 माह बाद ही बंद हुई ओरियंट क्राफ़्ट, 5000 मज़दूर बेकार

स्मृति ईरानी के उद्घाटन के 8 माह बाद ही बंद हुई ओरियंट क्राफ़्ट, 5000 मज़दूर बेकार

महज आठ महीने पहले झारखंड की तत्कालीन बीजेपी सरकार ने जिस कपड़ा मिल की शुरुआत बड़े प्रचार के साथ करवाई थी, बीते गुरुवार को उस पर ताला लग गया और 5000 मज़दूर बेरोज़गार हो गए।

बीजेपी सरकार के मुखिया रघुवर दास की पहल पर रांची के खेलगांव और इरबा में ओरियंट क्राफ्ट की दो प्लांटों को शुरू किया गया था।

स्थानीय मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, इस कंपनी की शुरुआत 8 महीने पहले ही हुई थी और महज एक साल के भीतर कंपनी का दिवालिया निकल गया।

इस मिल को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास राज्य में विकास की मिसाल के तौर पर पेश किया था और इसके उद्घाटन में कपड़ा एवं टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी भी आई थीं।

रघुवर दास सरकार 2016 में नई टेक्स्टाइल पॉलिसी लेकर आई थी। इसके तहत झारखंड में कपड़ा उत्पादन करने वाली कंपनियों को एक झारखंड को नौकरी देने के एवज में सात साल तक हर महीने पांच हजार रुपए देने के प्रावधान किया गया था।

स्थानीय अख़बार हिंदुस्तान की एक ख़बर के अनुसार,  ओरियंट क्राफ़्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि नई नीति के तहत जो भुगतान किया जाना था वो नहीं हुआ, मिल के बंद होने में ये एक बड़ा कारण है।

ख़बर है कि इस मिल की मशीनरी और कच्चा माल दिल्ली एनसीआर शिफ़्ट किया जा रहा है जिससे इसके दोबारा शुरू होने पर शुबहा पैदा हो गया है।

कपड़ा यूरोपीय देशों में होता था निर्यात

मिल में बनने वाले कपड़े अमेरिका, कनाडा और कई अन्य यूरोपीय देशों में निर्यात किए जाते थे।

मिल को 2,400 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया गया था लेकिन अब दोनों प्लांट बंद हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से ये मिल बंद पड़ी थी और फिर बीते हफ़्ते इसे बंद करने की सूचना आई।

मज़दूरों ने इस मिल को चालू करने के लिए तत्कालीन झामूमो सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चिंता जाहिर की है।

अरविंद मिल, किशोर एक्सपोर्टस में दो तिहाई मज़दूर निकाले

हिंदुस्तान के अनुसार, रांची में स्थित दो अन्य टेक्स्टाइल मिलों ने भी आधे मज़दूरों को काम से हटा दिया है।

नामकुम के पास रामपुर स्थित अरविंद मिल में 2000 में से केवल 500 मज़दूर फिलहाल काम कर रहे हैं।

किशोर एक्सपोर्टस में 1500 मज़दूरों में सिर्फ़ 650 काम कर रहे हैं। बाकी मज़दूरों को हटा दिया गया है। सूचना ये भी है कि ये दोनों मिलें और बड़े पैमाने पर छंटनी कर सकती हैं।

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Workers Unity Team