‘दूसरे देश अस्पताल बनवा रहे हैं, मोदी जी ताली बजवा रहे हैं’
By मुनीष कुमार
मोदी जी’ 1 दिन नहीं, जनता 1 महीने के कर्फ्यू के लिये राजी है। बस आप इतना बता दें कि इंसान रोटी कहाँ से खायेगा।
आप अपने संबोधन में इतना भी कह देते कि जितने दिन जनता कर्फ्यू रहेगा सरकार 130 करोड़ देशवासियों को भत्ता देगी ताकि देश में कोई भी भूख से परेशान न हो, मरे नहीं।
दक्षिण कोरिया में वहां की सरकार ने लोगों को घरों में बंद नहीँ किया बल्कि जनता के बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्ट कराये। औसतन 10 लाख लोगों में 5 हजार लोगों के कोरोना टेस्ट हुये।
कोरोना संक्रमित मरीजों को आइसोलेसन में रखा गया। वहां पर 1% से भी कम मौतों का आंकड़ा है। वहां पर लगभग 9 हजार कोरोना संक्रमित लोगों में 90 मौतें हुई हैं।
आपकी सरकार ने विदेशी फ्लाइट के भारत आने पर रोक लगा दी है। यदि ये रोक 2 महीने पहले लगा दी होती तथा विदेश से आने वाले सभी लोगों की एयरपोर्ट पर ही कोरोना जांच की व्यवस्था की होती तो कोरोना वायरस देश में आ ही नहीं पाता। यदि आ भी जाता तो स्टेज-1 पर ही नियंत्रित कया जा सकता था।
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जब घोषणा हुई कि आप राष्ट्र के नाम संदेश देने वाले हैं। तो लगा कि आप देश में कोरोना से निपटने के लिये सभी प्राइवेट अस्पतालों का राष्ट्रीयकरण करने की घोषणा करेंगें।
देश के सभी सरकारी व प्राईवेट अस्पताल कोरोना से निपटने के लिये जनहित में समर्पित करने की घोषणा करेंगें।
देश में 10 हजार लोगों पर जो मात्र 7 बेड की उपलब्धता है उसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बढ़ाकर 27 से भी अधिक पहुंचाने की घोषणा करेंगें। चीन के 10 हजार लोगों पर 37 बेड की उपलब्धता को भी पछाड़ देंगे।
आप देश के ग्राम व तहसील स्तर के सभी अस्पतालों में कोरोना की जांच के इंतजाम कि घोषणा करेंगें।
आप कहेंगे कि देश को डरने कि जरुरत नहीँ है, जिनका भी रोजगार प्रभावित होगा उनकी दाल-रोटी की जिम्मेदारी सरकार लेती है। यह कि कोरोना वायरस को खत्म करने के लिये बड़े पैमाने पर सार्वजनिक स्थानों व यातायात को सैनेटाइज किया जा रहा है।
यह कि आप मास्क व सेनेटाइज़र की काला बाजारी करने वालों को कड़ी कार्यवाही का संदेश देंगे।
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यह कि सरकार के कर्मचारी आपके घर आयेंगे आपको सेनेटाइज़र व मास्क वितरित करेंगे और यदि आपके परिवार मे़ं किसी को कोरोना के लक्षण दिखाई देंगे तो उसकी निःशुल्क जांच व ईलाज कराया जायेगा।
परन्तु आप कह रहे हैं अस्पताल मत जाइए, घर में बंद होकर ताली बजाइये!
मोदी जी, हम कोरोना से बीमार और मर रहे लोगों की लाशों पर खड़े होकर ताली नहीं बजाएंगे।
22 मार्च, 2020 भारत के इतिहास का एक और काला दिवस है। 8 नवम्बर 2016 को भी आपने TV पर आकर नोट बंदी कर जनता को गुमराह किया था। आज जब देश कोरोना से जूझ रहा है तब अाप देश को सही दिशा देने की जगह गलत रास्ते पर ले जा रहे हो।
हम भी देश के लोगों से अपील करना चाहते हैं कि 22 मार्च को आप चुप न बैठें। सरकार पर दबाव बनायें कि देश के सभी प्राइवेट अस्पतालों को सरकार अधिग्रहित कर इन्हें कोरोना से निपटने के लिये राष्ट्र को समर्पित करे।
देश मे कोरोना से निपटने के लिये दक्षिण कोरिया की तर्ज पर देश के ग्राम व तहसील स्तर पर जनता के कोरोना टेस्ट कराये जाएं।
जिन लोगों के रोजगार कोरोना से प्रभावित हो रहे हैं सरकार उनको व उनके परिवार के सभी सदस्यों को प्रति व्यक्ति न्यूनतम 100 रुपये प्रतिदिन की दर से भत्ता दें।
हम जनता से सावधानी बरतने का भी आह्वान करते हैं कि वे विश्व स्वास्थ्य संगठन के बताए निर्देशों का पालन करें और जागरूकता बढ़ाएं।
सरकार आपका खयाल नहीँ करेगी, आपको अपना ख्याल खुद रखना है। सरकार तो केवल जनता के वोट लूटने व झूठे वादे करने के लिये है।
आप अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिये मोदी जी के सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखें। संभव हो तो अपने घरों के बाहर बैठकर, अपनी मांगों का पोस्टर लगाकर या काली पट्टी बांध कर प्रतिरोध दर्ज कराएँ।
देश संकट में है, चुप न बैठें।
(मुनीष कुमार सामाजिक कार्यकर्ता हैं और समाजवादी लोक मंच के संयोजक हैं।)
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